Tuesday, November 29, 2022

यूरिक एसिड और गठिया को ठीक करेंगे ये घरेलू उपाय.


यूरिक एसिड आज बहुत गंभीर समस्या बन चुकी है जिसकी वजह से गठिया, जोड़ों में दर्द और आर्थराइटिस की परेशानी हो रही है। ध्यान देने वाली बात तो यह है कि वक्त पर लोगों को इसका पता नहीं चलता। लेकिन कुछ उपाय हैं जिनके जरिए यूरिक एसिड का इलाज किया जा सकता है।


यूरिक एसिड ट्रीटमेंट के घरेलू तरीके

रोजाना सुबद 2 से 3 अखरोट खाएं। ऐसा करने से बढ़ा हुआ यूरिक एसिड धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
हाई फायबर फूड जैसे ओटमील, दलिया, बींस, ब्राउन राईस (ब्राउन चावल) खाने से यूरिक एसिड की ज्यादातर मात्रा एब्जॉर्ब हो जाएगी और उसका लेवल कम हो जाएगा।

बेकिंग सोडा के सेवन से भी यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिलेगी। इसके लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाएं। अब इस मिश्रण के 8 गिलास रोजाना पीएं। ऐसा करने से यूरिक एसिड का लेवल कम हो जाएगा। दरअसल बेकिंग सोडा यूरिक एसिड के क्रिस्टल को तोड़ने और उन्हें खून में घोलने में मदद करता है, लेकिन ध्यान रहे कि बेकिंग सोडा ज्यादा ना लें क्योंकि इससे आपको हाई बीपी की दिक्कत हो सकती है।

अजवाईन का सेवन रोजाना करें। इससे भी यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी।
विटामिन सी से भरपूर चीजें ज्यादा से ज्यादा खाएं क्योंकि विटामिन सी यूरिक एसिड को टॉयलेट के जरिए बाहर निकालने में मदद करता है।

सलाद में रोजाना आधा या एक नींबू खाएं। इसके अलावा दिन में कम से कम एक बार एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पीएं।

बाहर का खाना खाने के शौकीन हैं तो तुरंत बंद कर दें और खान में फल, सब्जियां और फायबूर फूड शामिल करें।

राजमा, छोले, अरबी, चावल, मैदा रेड मीट जैसी चीजें ना खाएं।

फ्रक्टोज वाले कोई भी पेय पदार्थ ना लें क्योंकि ये आपके यूरिक एसिड को बढ़ाते हैं। यह एक शोध में भी साबित किया जा चुका है।

रोजाना सेब खाएं। सेब में मौजूद मैलिक एसिड यूरिक एसिड को न्यूट्रिलाइज कर देता है जिससे ब्लड में इसका लेवल कम हो जाता है।

यूरिक एसिड कम करने के लिए तले-भुने और चिकनाई युक्त भोजन से दूर रहें। घी और मक्खन से भी दूरी बनाएं।

ओमेगा 3 फैटी एसिड लेने से बचें। कुछ मछलियों की प्रजाति में जैसे ट्यूना और सालमन, इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है और इन्हें खाने से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।

अगर हर दिन 500 मिलीग्राम विटामिन सी लेंगे तो यूरिक एसिड दो महीने के अंदर ही कम हो जाएगा।

खूब पानी पीएं। कम से कम 2-3 लीटर पानी रोजाना पीएं। ज्यादातर परेशानी पानी पीने से दूर हो जाती हैं। पानी ज्यादा पीएंगे तो शरीर की जो गंदगी है वो शरीर से बाहर निकलेगी।

रोजाना खाना खाने के बाद एक चम्मच अलसी के बीज चबाएं, यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी।

यूरिक एसिड बढ़ जाने पर अगर गठिया की परेशानी हो गई हो तो घबराएं नहीं। बथुए के पत्तों का जूस निकालकर रोजाना सुबह खाली पेट पीएं उसके 2 घंटे बाद तक कुछ ना खाएं। रोजाना ऐसा करने पर कुछ वक्त बाद यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाएगी।

सहारा आयुर्वेदा, पुणे. 9890007014


Tuesday, February 8, 2022

दात दुखणे, हलणे किंव्हा किडणे या साठी उपाय

दात दुखणे, हिरड्या सुजणे, दात किडणे असे दाताचे अनेक आजार आजकाल अगदी लहान मुलांना पण होतात,एकदा नैसर्गिक दात गेला कि गेला मग तुम्ही कितीही पैसे खर्च करून नवीन नैसर्गिक दात परत आणु शकत नाही,

डॉक्टर कडे जाण्याच्या आधी खालील घरगुती उपाय करून पहा.     

१. वेळ मिळेल तेव्हा पेरूचे पान  खावे, दात निरोगी राहतात, १५ दिवस सलग खाल्यास  दात कधी दुखणार नाही , मजबूत होतात.

२. आंब्याच्या पानाने पण चावून खाल्यास दात दुखणे राहते

३. अशोकाच्या पान खाल्यास हि दात निरोगी राहतात.

४. मुळ्याचा तुकडा घ्यायचा, त्यावर  खायचा सोडा ताखायचा व त्याने दात घासायचे, लगेचच दात पांढरे शुभ्र होतात.

५. दाढी मधील कीड काढण्यासाठी
चिमूटभर वावडिंगा १० मिनिटे पाण्यात भिजत ठेवा.मिनिटांनी काढून पांढऱ्या कपड्यात पुरचुंडी करून किडलेल्या धाडे वर ठेवा. तोंडातील लाळ गिळू नका.  एक तासा नंतर तोंडातून पुरचुंडी काडा, सगळी धडे मधील कीड/अळ्या  चिकटलेली असेल. 

६. हिरडी सुजली असेल तर
मोर आवळा घ्या.तांब्याभर पाण्यात कडक उकळवा.कोमट झाल्यावर गाळून घ्या. खळ - खळ चूल भरा .सुजलेली हिरडी लागेच  जागेवर बसते.  

७. किडलेल्या दाताने मुळा कर कर चावा, लाळ , थुंकी गिळू नका. नंतर कोमट पाण्याने चुळ भरा. हे तीन दिवस करा, कीड निघून जाईल.

८. ज्यांचे दात हालतात त्यांनी दात काडू नका, मुळ्याचा छोटी वाटी रस काढा, २ चिमून मीठ घाला व सकाळ संद्याकाळी खळ खळ चुळ भरा. १५ दिवसात दात घट्ट होतात, २० दिवस केले तर हलणाऱ्या दाताने सुपारी फोडून खाल एवढे घट्ट होतात.

९. काही लोकांना दात नसतात त्यांनी अन्न चघळून चघळून खावे, अन्नासोबत जास्तीत जास्त लाळ पोटात जाणे गरजेचे आहे. ज्यांना दात आहेत त्यांनी खूप चावून चावून खाल्ले पाहिजे , पचनाचे त्रास होत नाही व अन्न अंगी लागते व तब्बेत पण सुधारते.

Wednesday, February 2, 2022

आयुर्वेद के ये 10 नियम आपको लंबे समय तक रख सकते हैं हेल्‍दी और जवां

आयुर्वेद वैद्य पटेल जी के कुछ टिप्‍स अपनाने के बाद आप लंबे समय तक जवां और हेल्‍दी रह सकते हैं।

आयुर्वेद के लाभों से भला कौन वाकिफ नहीं है?
बच्चे से लेकर नौजवान तक और गर्भवती महिला से बुजुर्गो तक, आयुर्वेद में सबके जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की क्षमता होती है। आयुर्वेद एक बिलकुल ही अलग पद्धति है। इससे आप बिना किसी साइड इफेक्‍ट के अपनी प्रॉब्‍लम्‍स को दूर कर सकते हैं।

आयुर्वेद के वैद्य पटेलजी ने कुछ आयुर्वेदिक उपचार बताए हैं, जो सभी के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। साथ ही इन टिप्‍स को अपनाने के बाद आप लंबे समय तक जवां, खूबसूरत और हेल्‍दी रह सकते हैं।
आइए जानें कौन से हैं ये आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार।

जवां और हेल्‍दी बनाने वाले आयुर्वेदिक टिप्‍स

👉 आयुर्वेद के अनुसार, 'ब्रह्म मुहूर्त' के दौरान यानि सुबह 4-5.30 बजे के बीच उठना सही रहता है।

👉 यह बहुत जरूरी है कि आप सुबह-सुबह पानी पीएं। हालांकि, यह ध्यान रखें कि पानी कमरे के तापमान पर होना चाहिए और इसे रात में पहले से शुद्ध तांबे के गिलास में भर कर रख लें।

👉 आंखों को प्रतिदिन ताजे पानी या त्रिफला के पानी (जिसे आप रात को बनाकर रख सकते हैं) से साफ करना चाहिए।

👉 दांतों, मसूड़ों और जबड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए ऑयल पुलिंग करने की कोशिश करें। इससे आपकी आवाज में सुधार होगा और गालों से झुर्रियां दूर होंगी। गुनगुने तिल के तेल से दिन में दो बार गरारे करें। मुंह में ऑयल को होल्‍ड करके रखें, इसे जोर से मुंह में चारों ओर घुमाएं, फिर इसे बाहर थूक दें और धीरे से एक अंगुली से मसूड़ों की मसाज करें।

👉 नस्य करना चाहिए। जी हां नस्‍य का अर्थ है नाक से माध्‍यम से कुछ बीमारियों का इलाज करना। इसके लिए प्रत्‍येक नाक में गाय के घी को गुनगुने करके नाक में 3-3 बूंदे डालनी होती है। यह नाक को चिकनाई देने में हेल्‍प करता है, साइनस को साफ करता है और आवाज, आंखों और मानसिक स्‍पष्‍टता में सुधार करता है। इस तरह नाक से प्राण को पोषण होता है और बुद्धि आती है।

👉 रोजाना अपने पूरे शरीर की तेल से मालिश करना जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम तीन जरूरी अंगों पर मसाज जरूर करनी चाहिए। जी हां, आपको कान, सिर और पैर पर मसाज करने से आपको खुशी का अहसास होता है और साथ ही सिरदर्द, गंजापन, बालों का सफेद होना और अच्‍छी नींद के लिए प्रेरित करता है और त्‍वचा को मुलायम बनाए रखता हैं।

👉 अच्‍छी हेल्‍थ के लिए रेगुलर एक्‍सरसाइज विशेष रूप से योग करना बहुत जरूरी होता है। यह बीमारी के खिलाफ सहनशक्ति और प्रतिरोध बनाता है, बॉडी के के‍मिकल को साफ करता है और ब्‍लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। यह शरीर के अंगों की प्रभावकारिता को बढ़ाता है, भूख और पाचन को बढ़ावा देता है और मोटापे को भी रोकता है।

👉 माथे, बगल और रीढ़ पर पसीना आने तक अपनी क्षमता के अनुसार रेगुलर एक्‍सरसाइज करें।

👉 अपनी बॉडी को डिटॉक्‍स करने और नेगेटिविटी को दूर करने के लिए सोने से पहले हर रात को अपने पैरों को धोएं। अपने पैरों को नमक के पानी में सोक करने की कोशिश करें।

👉 प्राण को अपने पूरे शरीर में हेल्‍दी तरीके से फ्लो करने में हमेशा सीधे ही बैठें। प्राण, ब्रह्माण्ड-प्राण का वह विशेष काम है, जो मानव-शरीर को अनिवार्य ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। इसकी एनर्जी नासिका-छिद्रों से हार्ट-लेवल तक प्रवाहित होती है।