Tuesday, November 29, 2022

यूरिक एसिड और गठिया को ठीक करेंगे ये घरेलू उपाय.


यूरिक एसिड आज बहुत गंभीर समस्या बन चुकी है जिसकी वजह से गठिया, जोड़ों में दर्द और आर्थराइटिस की परेशानी हो रही है। ध्यान देने वाली बात तो यह है कि वक्त पर लोगों को इसका पता नहीं चलता। लेकिन कुछ उपाय हैं जिनके जरिए यूरिक एसिड का इलाज किया जा सकता है।


यूरिक एसिड ट्रीटमेंट के घरेलू तरीके

रोजाना सुबद 2 से 3 अखरोट खाएं। ऐसा करने से बढ़ा हुआ यूरिक एसिड धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
हाई फायबर फूड जैसे ओटमील, दलिया, बींस, ब्राउन राईस (ब्राउन चावल) खाने से यूरिक एसिड की ज्यादातर मात्रा एब्जॉर्ब हो जाएगी और उसका लेवल कम हो जाएगा।

बेकिंग सोडा के सेवन से भी यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिलेगी। इसके लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाएं। अब इस मिश्रण के 8 गिलास रोजाना पीएं। ऐसा करने से यूरिक एसिड का लेवल कम हो जाएगा। दरअसल बेकिंग सोडा यूरिक एसिड के क्रिस्टल को तोड़ने और उन्हें खून में घोलने में मदद करता है, लेकिन ध्यान रहे कि बेकिंग सोडा ज्यादा ना लें क्योंकि इससे आपको हाई बीपी की दिक्कत हो सकती है।

अजवाईन का सेवन रोजाना करें। इससे भी यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी।
विटामिन सी से भरपूर चीजें ज्यादा से ज्यादा खाएं क्योंकि विटामिन सी यूरिक एसिड को टॉयलेट के जरिए बाहर निकालने में मदद करता है।

सलाद में रोजाना आधा या एक नींबू खाएं। इसके अलावा दिन में कम से कम एक बार एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पीएं।

बाहर का खाना खाने के शौकीन हैं तो तुरंत बंद कर दें और खान में फल, सब्जियां और फायबूर फूड शामिल करें।

राजमा, छोले, अरबी, चावल, मैदा रेड मीट जैसी चीजें ना खाएं।

फ्रक्टोज वाले कोई भी पेय पदार्थ ना लें क्योंकि ये आपके यूरिक एसिड को बढ़ाते हैं। यह एक शोध में भी साबित किया जा चुका है।

रोजाना सेब खाएं। सेब में मौजूद मैलिक एसिड यूरिक एसिड को न्यूट्रिलाइज कर देता है जिससे ब्लड में इसका लेवल कम हो जाता है।

यूरिक एसिड कम करने के लिए तले-भुने और चिकनाई युक्त भोजन से दूर रहें। घी और मक्खन से भी दूरी बनाएं।

ओमेगा 3 फैटी एसिड लेने से बचें। कुछ मछलियों की प्रजाति में जैसे ट्यूना और सालमन, इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है और इन्हें खाने से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।

अगर हर दिन 500 मिलीग्राम विटामिन सी लेंगे तो यूरिक एसिड दो महीने के अंदर ही कम हो जाएगा।

खूब पानी पीएं। कम से कम 2-3 लीटर पानी रोजाना पीएं। ज्यादातर परेशानी पानी पीने से दूर हो जाती हैं। पानी ज्यादा पीएंगे तो शरीर की जो गंदगी है वो शरीर से बाहर निकलेगी।

रोजाना खाना खाने के बाद एक चम्मच अलसी के बीज चबाएं, यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी।

यूरिक एसिड बढ़ जाने पर अगर गठिया की परेशानी हो गई हो तो घबराएं नहीं। बथुए के पत्तों का जूस निकालकर रोजाना सुबह खाली पेट पीएं उसके 2 घंटे बाद तक कुछ ना खाएं। रोजाना ऐसा करने पर कुछ वक्त बाद यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाएगी।

सहारा आयुर्वेदा, पुणे. 9890007014


Tuesday, February 8, 2022

दात दुखणे, हलणे किंव्हा किडणे या साठी उपाय

दात दुखणे, हिरड्या सुजणे, दात किडणे असे दाताचे अनेक आजार आजकाल अगदी लहान मुलांना पण होतात,एकदा नैसर्गिक दात गेला कि गेला मग तुम्ही कितीही पैसे खर्च करून नवीन नैसर्गिक दात परत आणु शकत नाही,

डॉक्टर कडे जाण्याच्या आधी खालील घरगुती उपाय करून पहा.     

१. वेळ मिळेल तेव्हा पेरूचे पान  खावे, दात निरोगी राहतात, १५ दिवस सलग खाल्यास  दात कधी दुखणार नाही , मजबूत होतात.

२. आंब्याच्या पानाने पण चावून खाल्यास दात दुखणे राहते

३. अशोकाच्या पान खाल्यास हि दात निरोगी राहतात.

४. मुळ्याचा तुकडा घ्यायचा, त्यावर  खायचा सोडा ताखायचा व त्याने दात घासायचे, लगेचच दात पांढरे शुभ्र होतात.

५. दाढी मधील कीड काढण्यासाठी
चिमूटभर वावडिंगा १० मिनिटे पाण्यात भिजत ठेवा.मिनिटांनी काढून पांढऱ्या कपड्यात पुरचुंडी करून किडलेल्या धाडे वर ठेवा. तोंडातील लाळ गिळू नका.  एक तासा नंतर तोंडातून पुरचुंडी काडा, सगळी धडे मधील कीड/अळ्या  चिकटलेली असेल. 

६. हिरडी सुजली असेल तर
मोर आवळा घ्या.तांब्याभर पाण्यात कडक उकळवा.कोमट झाल्यावर गाळून घ्या. खळ - खळ चूल भरा .सुजलेली हिरडी लागेच  जागेवर बसते.  

७. किडलेल्या दाताने मुळा कर कर चावा, लाळ , थुंकी गिळू नका. नंतर कोमट पाण्याने चुळ भरा. हे तीन दिवस करा, कीड निघून जाईल.

८. ज्यांचे दात हालतात त्यांनी दात काडू नका, मुळ्याचा छोटी वाटी रस काढा, २ चिमून मीठ घाला व सकाळ संद्याकाळी खळ खळ चुळ भरा. १५ दिवसात दात घट्ट होतात, २० दिवस केले तर हलणाऱ्या दाताने सुपारी फोडून खाल एवढे घट्ट होतात.

९. काही लोकांना दात नसतात त्यांनी अन्न चघळून चघळून खावे, अन्नासोबत जास्तीत जास्त लाळ पोटात जाणे गरजेचे आहे. ज्यांना दात आहेत त्यांनी खूप चावून चावून खाल्ले पाहिजे , पचनाचे त्रास होत नाही व अन्न अंगी लागते व तब्बेत पण सुधारते.

Wednesday, February 2, 2022

आयुर्वेद के ये 10 नियम आपको लंबे समय तक रख सकते हैं हेल्‍दी और जवां

आयुर्वेद वैद्य पटेल जी के कुछ टिप्‍स अपनाने के बाद आप लंबे समय तक जवां और हेल्‍दी रह सकते हैं।

आयुर्वेद के लाभों से भला कौन वाकिफ नहीं है?
बच्चे से लेकर नौजवान तक और गर्भवती महिला से बुजुर्गो तक, आयुर्वेद में सबके जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की क्षमता होती है। आयुर्वेद एक बिलकुल ही अलग पद्धति है। इससे आप बिना किसी साइड इफेक्‍ट के अपनी प्रॉब्‍लम्‍स को दूर कर सकते हैं।

आयुर्वेद के वैद्य पटेलजी ने कुछ आयुर्वेदिक उपचार बताए हैं, जो सभी के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। साथ ही इन टिप्‍स को अपनाने के बाद आप लंबे समय तक जवां, खूबसूरत और हेल्‍दी रह सकते हैं।
आइए जानें कौन से हैं ये आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार।

जवां और हेल्‍दी बनाने वाले आयुर्वेदिक टिप्‍स

👉 आयुर्वेद के अनुसार, 'ब्रह्म मुहूर्त' के दौरान यानि सुबह 4-5.30 बजे के बीच उठना सही रहता है।

👉 यह बहुत जरूरी है कि आप सुबह-सुबह पानी पीएं। हालांकि, यह ध्यान रखें कि पानी कमरे के तापमान पर होना चाहिए और इसे रात में पहले से शुद्ध तांबे के गिलास में भर कर रख लें।

👉 आंखों को प्रतिदिन ताजे पानी या त्रिफला के पानी (जिसे आप रात को बनाकर रख सकते हैं) से साफ करना चाहिए।

👉 दांतों, मसूड़ों और जबड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए ऑयल पुलिंग करने की कोशिश करें। इससे आपकी आवाज में सुधार होगा और गालों से झुर्रियां दूर होंगी। गुनगुने तिल के तेल से दिन में दो बार गरारे करें। मुंह में ऑयल को होल्‍ड करके रखें, इसे जोर से मुंह में चारों ओर घुमाएं, फिर इसे बाहर थूक दें और धीरे से एक अंगुली से मसूड़ों की मसाज करें।

👉 नस्य करना चाहिए। जी हां नस्‍य का अर्थ है नाक से माध्‍यम से कुछ बीमारियों का इलाज करना। इसके लिए प्रत्‍येक नाक में गाय के घी को गुनगुने करके नाक में 3-3 बूंदे डालनी होती है। यह नाक को चिकनाई देने में हेल्‍प करता है, साइनस को साफ करता है और आवाज, आंखों और मानसिक स्‍पष्‍टता में सुधार करता है। इस तरह नाक से प्राण को पोषण होता है और बुद्धि आती है।

👉 रोजाना अपने पूरे शरीर की तेल से मालिश करना जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम तीन जरूरी अंगों पर मसाज जरूर करनी चाहिए। जी हां, आपको कान, सिर और पैर पर मसाज करने से आपको खुशी का अहसास होता है और साथ ही सिरदर्द, गंजापन, बालों का सफेद होना और अच्‍छी नींद के लिए प्रेरित करता है और त्‍वचा को मुलायम बनाए रखता हैं।

👉 अच्‍छी हेल्‍थ के लिए रेगुलर एक्‍सरसाइज विशेष रूप से योग करना बहुत जरूरी होता है। यह बीमारी के खिलाफ सहनशक्ति और प्रतिरोध बनाता है, बॉडी के के‍मिकल को साफ करता है और ब्‍लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। यह शरीर के अंगों की प्रभावकारिता को बढ़ाता है, भूख और पाचन को बढ़ावा देता है और मोटापे को भी रोकता है।

👉 माथे, बगल और रीढ़ पर पसीना आने तक अपनी क्षमता के अनुसार रेगुलर एक्‍सरसाइज करें।

👉 अपनी बॉडी को डिटॉक्‍स करने और नेगेटिविटी को दूर करने के लिए सोने से पहले हर रात को अपने पैरों को धोएं। अपने पैरों को नमक के पानी में सोक करने की कोशिश करें।

👉 प्राण को अपने पूरे शरीर में हेल्‍दी तरीके से फ्लो करने में हमेशा सीधे ही बैठें। प्राण, ब्रह्माण्ड-प्राण का वह विशेष काम है, जो मानव-शरीर को अनिवार्य ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। इसकी एनर्जी नासिका-छिद्रों से हार्ट-लेवल तक प्रवाहित होती है।

Monday, September 27, 2021

नमक के पानी में नहाने से हो जाएंगे गोरे, जानें 10 और फायदे

 नमक ज्यादातर सिर्फ खाने में ही काम में लिया जाता है। लेकिन यदि इसे नहाने के पानी में मिलाकर नहाएं तो यह रंग गोरा करने समेत कइ तरह के फायदे भी करता है। आयुर्वेदिक वैद्य श्री. पटेलजी के अनुसार नमक में मौजूद मैग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम जैसे मिनरल्स होते हैं जो शरीर को इन्फेक्शन से बचाते हैं।

जानें इसके 10 फायदे 

1.नमक के पानी से नहाने पर रंग गोरा होता है। यह स्किन की डेड सेल्स को निकाल देता है तथा स्किन को सॉफ्ट और चमकदार बनाकर रंग निखारता है।

2.नमक के पानी से नहाने पर हड्डियों के दर्द में राहत मिलती है। रोज नमक के पानी से नहाने पर जॉइंट पेन की समस्या भी दूर होती है।

3.नमक के पानी से नहाने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है तथा इससे ब्रेन फंक्शंस बेहतर होते हैं। तनाव दूर होकर दिमाग को शांति मिलती है।

4.नमक के पानी से नहाने से मसल्स को आराम मिलता है तथा मसल्स पेन से राहत मिलती है।

5.नमक के पानी में भरपूर मग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम जैसे खनिज-लवण होते हैं। ये स्किन की तह तक जाकर सफाई करते हैं जिससें स्किन में इन्फेक्शन का खतरा टलता है।

6.नमक के पानी से नहाने पर स्किन मॉइश्चराइज होती है। इससे स्किन सेल्स की अच्छी ग्रोथ होने के साथ ही वो हेल्दी भी बनती है। इससे स्किन के दाग और झुर्रियां भी दूर होती है।

7.नमक के पानी में मौजूद तत्व स्किन की फंगस को हटा देते हैं तथा डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं।
8 नमक के पानी से नहाने पर थकान और स्ट्रेस दूर होते हैं। दिमाग को शांति मिलती है तथा रात को अच्छी नींद आती है।

9.नमक के पानी से नहाने पर बालों के बैक्टीरिया खत्म होते हैं तथा बाल हेल्दी और चमकदार होते हैं।

10.नमक के पानी में मौजूद तत्व शरीर का ऑयल लेवल कंट्रोल करते हैं। यह शरीर में एसिडिटी की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

Tuesday, September 21, 2021

नंगे पैर पैदल चलने के 8 फायदे, तुरंत जानिए

रोजाना सुबह की सैर हो या फिर जिम में ट्रेडमील का

इस्तेमाल, पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए हमेशा ही हितकर होता है और आप इसके फायदे भी जानते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नंगे पैर पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है? जी हां, बगैर मोजे और जूतों के, धरती पर पैदल चलना सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है। जानिए इसके यह 8 फयदे -

पुराने समय में लोग बगैर जूतों के ही पैदल चलते थे, लेकिन समय के साथ-साथ जूते-चप्पल पहनना आम हो गया। दरअसल गंदगी या चोट से बचने के लिए ही पैदल चलने के लिए जूते-चप्पलों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अगर आप किसी घास के मैदान या साफ जमीन पर पैदल चल रहे हैं, तो उसकी आवश्यकता नहीं होती। बल्कि नंगे पैर चलने से आपको कई फायदे हो सकते हैं।

 सबसे पहला फायदा तो यह है, कि दिनभर आप अपने पैर जूते या चप्पलों से पैक रखते हैं, ऐसे में नंगे पैर खुली हवा में रहने से, पैरों को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है, रक्त संचार बेहतर होता है, जि‍ससे उनकी थकान या दर्द खत्म हो जाता है।

 नंगे पैर पैदल चलने से वे सारी मांसपेशियां सक्रिय हो जाती है, जिनका उपयोग जूते-चप्पल पहनने के दौरान नहीं होता। मतलब आपके पैरों के अलावा, उससे जुड़े सभी शारीरिक भाग सक्रिय हो जाते हैं।

 नंगे पैर पैदल चलते वक्त, आपके पंजों का निचला भाग सीधे धरती के संपर्क में आता है, जिससे एक्युप्रेशर के जरिए सभी भागों की एक्सरसाईज होती है, और कई तरह की बीमारियों से निजात मिलती है।

4  प्राकृतिक तौर पर धरती की उर्जा पैरों के जरिए आपके पूरे शरीर में संचारित होती है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे आपको भूमि तत्व से संबंधित रोग नहीं होते। 

5  दिनभर जूते-चप्पल पहनकर आप चलने में जरूर संतुलन बनाए रखते हैं, परंतु नंगे पैर चलना आपके शरीर की सभी इंद्रियों के संतुलन की प्राकृतिक चेतना को बरकरार रखने में मदद करता है।

 नंगे पैर चलने से शरीर में प्राकृतिक रूप से उर्जा बनी रहती है, और इससे शरीर के अंग अधिक सक्रिय, सुडौल व उपयोगी बनते हैं। इसके साथ ही आपका रक्तसंचार भी बेहतर होता है।

नंगे पैर चलना एक तरह से प्रकृति के साथ, खुद के और करीब आने जैसा है। इसके जरिए आप खुद के प्रति अधिक जागरूक होते हैं और पहले से अधिक संवेदनशील होते हैं।

8  इस प्रयोग से उर्जा का स्तर बढ़ने के साथ ही, तनाव, हाईपरटेंशन, जोड़ों में दर्द, नींद न आना, हृदय संबंधी समस्या, ऑथ्राईटिस, अस्थमा, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्याएं भी समाप्त होती है, और रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

Sunday, September 19, 2021

हार्ट ब्लॉकेज खोलने और कोलेस्ट्रॉल कम करने का उपाय..पीपल का पत्ता शरीर के सारे ब्लॉकेज खोले और कोलेस्ट्रॉल कम करे.

प्राचीन आयुर्वेद का आधार ही प्रकृति है और प्रकृति हमे वो सब प्रदान करती है जिससे हमारा धरती पर जीवन यापन सरल और सफल हो पाता है। अगर हम किसी समस्या में पड जाते है तो प्रकृति के पास हमारी हर समस्या का समाधान भी होता है क्योकि प्रकृति में ऐसी अनेक जड़ी बूटियाँ और ओषधियाँ है।

जिनसे हर रोग को तुरंत ठीक किया जा सकता है. ऐसा ही एक रोग है ह्रदय रोग, किन्तु प्रकृति की औषधियों में से एक है पीपल, जिसको सभी देवतुल्य मानते हैं और उसकी पूजा करते है. इस पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल करके हृदय रोगों को भी दूर किया जा सकता है।

हमारे हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और इसकी पूजा करने से व्यक्ति के ग्रह दोष को भी शांत किया जा सकता है।

पीपल बहुत ठंडा होता है। पीपल के पेड़ के अनेक अलौकिक गुणों के कारण इसे हिन्दू लोग बहुत ही पवित्र मानते हैं और पूजा करते हैं। हिन्दुओं में पीपल की लकड़ियां जलाना निषेध है। पीपल के फल छोटे-छोटे होते हैं। पीपल के पेड़ को छाया के लिए देव-मन्दिरों के आस-पास और रास्तों पर लगाया जाता है। पीपल की छाया स्वास्थ्यवर्द्धक होती है।

पीपल के वृक्ष का ना सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। पूरे 24 घंटे तक ऑक्सीजन देने वाले इस पेड़ के पत्तों का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि पीपल के पत्ते आपको किन-किन बीमारियों से छुटकारा दिलाते है।

पीपल का पत्ता शरीर के सारे ब्लॉकेज खोले और कोलेस्ट्रॉल कम करे

हार्ट के रोगों का खतरा होता है कम : पीपल के पत्ते व्यक्ति को दिल की बीमारियों के खतरे से बचाता है. इसके लिए पीपल की 15 ताजी हरी पत्तों को एक गिलास पानी में अच्छी तरह से उबाल लें। पानी को तब तक उबालें जब तक वो एक तिहाई ना रह जाए। फिर उस पानी को ठंडा करके छान लें और इसकी तीन खुराक बना लें। दिन में हर तीन घंटे के बाद इसका सेवन करें. ऐसा करने से दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे को दूर किया जा सकता है। यह उपाय कोलेस्ट्रॉल घटाएँ, नसों के ब्लॉकेज खोले, हार्ट ब्लॉकेज से बचाएं।

दिल का दौरा होना (हार्ट अटैक से बचाव) : पीपल के ताजा विकसित कोमल 15 पत्ते लें, फिर हर पत्ते के ऊपर तथा नीचे का कुछ हिस्सा कैंची से काटकर फेंक दें। अब पत्तों को साफ पानी से धो लें। इन सभी 15 पत्तों को लगभग 400 मिलीलीटर पानी में डालकर धीमी आग पर उबालें। जब एक तिहाई पानी बच जाये तब उतारकर ठंडा कर लें और किसी साफ कपड़े से छानकर ठंडे साफ स्थान पर ढंककर रख दें। इस दवा की 3 खुराके बनाकर दिन में 3-3 घंटे बाद रोगी को देने से दिल के दौरे में आराम मिलेगा। इस प्रकार ताजा नई दवा बनाकर 15 दिन तक रोगी को पिलाने से लाभ मिलता है। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बनता है। हार्ट के ब्लॉकेज शत-प्रतिशत खुल जाते है।

नोट : खुराक को लेते समय पेट बिल्कुल खाली नहीं होना चाहिए। दलिया, बिस्कुट या हल्का नाश्ता करने के थोड़ी देर बाद दवा लें।

परहेज : इस दवा के सेवनकाल में तली चीजे, मांस-मछली, अंडे, शराब आदि का सेवन और धूम्रपान न करें। नमक व चिकनाई का प्रयोग कम करें।

कोलेस्ट्रॉल और रक्तपित्त (खूनी पित्त) : 10 ग्राम पीपल के पत्तों का रस 60 ग्राम हीरा बोल (एक प्रकार का गोंद) में 2 गुनी मात्रा में शहद को मिलाकर पिलाने से हृदय के अंदर रुका हुआ खून का नाश हो जाता है और खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है।

पीपल के पत्ते के अन्य बेहतरीन फायदे

बिवाइयां (एड़ियों का फट जाना) : पीपल के पेड़ के 20 पत्तों को तोड़कर पीस लें, फिर इसे 4 गिलास पानी में अच्छी तरह उबालें, जब 3 गिलास पानी शेष बचे तो इस पानी को छान लें। इसके बाद इस पानी में कपड़ा भिगोकर बिवाइयों पर सेंक करें और बाद में इसी पानी से धोयें। इससे फटी हुई एड़ियां ठीक हो जाती हैं।

अस्थमा के मरीजों के लिए कारगर

अस्थमा के मरीजों के लिए पीपल का पेड़ काफी कारगर माना जाता है। अस्थमा से राहत पाने के लिए पीपल के तने की छाल के अंदर के हिस्से को निकालकर सुखा लें। जब यह अच्छी तरह से सूख जाए तो इसका बारीक चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण का पानी के साथ सेवन करें। यह इलाज अस्थमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।

Wednesday, September 23, 2020

आँवला (Indian Gooseberry)

बसंत के मौसम में आँवला पूरी तरह पकता है। इसका स्वाद थोड़ा खट्टा और कसैला होता है जिसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है।

पुराने समय से ही आँवले का प्रयोग अचार तथा मुरब्बा बनाने में होता आया है। इसमें उच्च मात्रा में असोर्बिक एसिड (विटामिन सी) होता है। इसके साथ ही Punicafolin, Phyllane Mbliinin A, Ellagic Acid भी पाये जाते हैं। आयुर्वेदिक दवाइयों में भी वर्षों से आँवले का प्रयोग किया जाता रहा है।

#फायदे
1. आँवला (Amla) खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटती है।

2. आँवला का प्रयोग शुगर रोगियों के लिए भी लाभकारी है। यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित रखता है। जिससे शुगर धीरे धीरे कम होती है।

3. अग्नाशय में दर्द होने या सूजन की शिकायत होने पर भी आँवला खाना काफी लाभप्रद होता है।

4. कैंसर से बचाव में भी आँवला खाना फायदेमंद होता है।

5. पेट खराब होने, अपच की शिकायत या जलन होने पर भी आँवला खाने से बेहद लाभ मिलता है।

6. आँखों के रोगों में भी आँवला का प्रयोग लाभकारी है। मुरब्बा, अचार या सूखा आँवला किसी भी रूप में खाया जा सकता है। इससे आँखों की रोशनी भी बढ़ती है।

7. जोड़ों के दर्द में भी आँवला खाना प्रभावकारी होता है। जो लोग आँवला नहीं खा सकते वह आंवले के रस का सेवन कर सकते हैं।

8. आजकल मोटापा आम हो गया है। मोटापे से मुक्ति के लिए रोज निहार मुँह आँवला खाएं।

9. आँवला खाने से त्वचा और बालों की खूबसूरती भी बढ़ाई जा सकती है। आँवला खाने से त्वचा में चमक आती है और बाल लंबे काले और घने बनते हैं।

10. बॉडी रिएक्शन से होने वाले दर्द और सूजन का उपचार भी आंवले से संभव है।

11. त्वचा का रंग निखारने के लिए रोज आँवला खाएं। इसके अलावा फेस पैक के रूप में भी आँवला लगाया जा सकता है।

12. जिनका सिर कमजोर हो और सिर दर्द की शिकायत अक्सर बनी रहती हो उन्हें भी आंवले का सेवन करना चाहिए। सुबह निहार मुँह रोज आंवले का मुरब्बा खाएं।

#सावधानी
1. आँवले (Amla) का प्रयोग कुछ लोगों में ब्लीडिंग का रिस्क बढ़ा सकता है। इसलिए इसे खाने के साथ सावधानी जरूरी है।

2. आँवले के ज्यादा प्रयोग से ब्लड शुगर का लेवल घटता है जिससे शुगर रोगियों की दवा में परिवर्तन संभव है।

3. किसी भी प्रकार की सर्जरी से लगभग दो हफ्ते पहले से आँवला का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। सर्जरी के बाद भी आँवला का प्रयोग कुछ समय तक नही करना चाहिए क्योंकि ये ब्लीडिंग को बढ़ा सकता है।

4. आँवला ज्यादा खाने से त्वचा का मॉइश्चर खो सकता है और स्किन ड्राई हो सकती है।

5. आँ

वला के ज्यादा सेवन से सिर की त्वचा भी रूखी हो सकती है। जिसके कारण डैंड्रफ होने की संभावना रहती है।

6. ज्यादा मात्रा में आँवला खाने से बाल काले होते तो हैं, लेकिन कड़े हो सकते हैं। सिल्की बालों की चाह रखने वालों को इससे परेशानी हो सकती है।