Sunday, September 19, 2021

हार्ट ब्लॉकेज खोलने और कोलेस्ट्रॉल कम करने का उपाय..पीपल का पत्ता शरीर के सारे ब्लॉकेज खोले और कोलेस्ट्रॉल कम करे.

प्राचीन आयुर्वेद का आधार ही प्रकृति है और प्रकृति हमे वो सब प्रदान करती है जिससे हमारा धरती पर जीवन यापन सरल और सफल हो पाता है। अगर हम किसी समस्या में पड जाते है तो प्रकृति के पास हमारी हर समस्या का समाधान भी होता है क्योकि प्रकृति में ऐसी अनेक जड़ी बूटियाँ और ओषधियाँ है।

जिनसे हर रोग को तुरंत ठीक किया जा सकता है. ऐसा ही एक रोग है ह्रदय रोग, किन्तु प्रकृति की औषधियों में से एक है पीपल, जिसको सभी देवतुल्य मानते हैं और उसकी पूजा करते है. इस पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल करके हृदय रोगों को भी दूर किया जा सकता है।

हमारे हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और इसकी पूजा करने से व्यक्ति के ग्रह दोष को भी शांत किया जा सकता है।

पीपल बहुत ठंडा होता है। पीपल के पेड़ के अनेक अलौकिक गुणों के कारण इसे हिन्दू लोग बहुत ही पवित्र मानते हैं और पूजा करते हैं। हिन्दुओं में पीपल की लकड़ियां जलाना निषेध है। पीपल के फल छोटे-छोटे होते हैं। पीपल के पेड़ को छाया के लिए देव-मन्दिरों के आस-पास और रास्तों पर लगाया जाता है। पीपल की छाया स्वास्थ्यवर्द्धक होती है।

पीपल के वृक्ष का ना सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। पूरे 24 घंटे तक ऑक्सीजन देने वाले इस पेड़ के पत्तों का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि पीपल के पत्ते आपको किन-किन बीमारियों से छुटकारा दिलाते है।

पीपल का पत्ता शरीर के सारे ब्लॉकेज खोले और कोलेस्ट्रॉल कम करे

हार्ट के रोगों का खतरा होता है कम : पीपल के पत्ते व्यक्ति को दिल की बीमारियों के खतरे से बचाता है. इसके लिए पीपल की 15 ताजी हरी पत्तों को एक गिलास पानी में अच्छी तरह से उबाल लें। पानी को तब तक उबालें जब तक वो एक तिहाई ना रह जाए। फिर उस पानी को ठंडा करके छान लें और इसकी तीन खुराक बना लें। दिन में हर तीन घंटे के बाद इसका सेवन करें. ऐसा करने से दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे को दूर किया जा सकता है। यह उपाय कोलेस्ट्रॉल घटाएँ, नसों के ब्लॉकेज खोले, हार्ट ब्लॉकेज से बचाएं।

दिल का दौरा होना (हार्ट अटैक से बचाव) : पीपल के ताजा विकसित कोमल 15 पत्ते लें, फिर हर पत्ते के ऊपर तथा नीचे का कुछ हिस्सा कैंची से काटकर फेंक दें। अब पत्तों को साफ पानी से धो लें। इन सभी 15 पत्तों को लगभग 400 मिलीलीटर पानी में डालकर धीमी आग पर उबालें। जब एक तिहाई पानी बच जाये तब उतारकर ठंडा कर लें और किसी साफ कपड़े से छानकर ठंडे साफ स्थान पर ढंककर रख दें। इस दवा की 3 खुराके बनाकर दिन में 3-3 घंटे बाद रोगी को देने से दिल के दौरे में आराम मिलेगा। इस प्रकार ताजा नई दवा बनाकर 15 दिन तक रोगी को पिलाने से लाभ मिलता है। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बनता है। हार्ट के ब्लॉकेज शत-प्रतिशत खुल जाते है।

नोट : खुराक को लेते समय पेट बिल्कुल खाली नहीं होना चाहिए। दलिया, बिस्कुट या हल्का नाश्ता करने के थोड़ी देर बाद दवा लें।

परहेज : इस दवा के सेवनकाल में तली चीजे, मांस-मछली, अंडे, शराब आदि का सेवन और धूम्रपान न करें। नमक व चिकनाई का प्रयोग कम करें।

कोलेस्ट्रॉल और रक्तपित्त (खूनी पित्त) : 10 ग्राम पीपल के पत्तों का रस 60 ग्राम हीरा बोल (एक प्रकार का गोंद) में 2 गुनी मात्रा में शहद को मिलाकर पिलाने से हृदय के अंदर रुका हुआ खून का नाश हो जाता है और खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है।

पीपल के पत्ते के अन्य बेहतरीन फायदे

बिवाइयां (एड़ियों का फट जाना) : पीपल के पेड़ के 20 पत्तों को तोड़कर पीस लें, फिर इसे 4 गिलास पानी में अच्छी तरह उबालें, जब 3 गिलास पानी शेष बचे तो इस पानी को छान लें। इसके बाद इस पानी में कपड़ा भिगोकर बिवाइयों पर सेंक करें और बाद में इसी पानी से धोयें। इससे फटी हुई एड़ियां ठीक हो जाती हैं।

अस्थमा के मरीजों के लिए कारगर

अस्थमा के मरीजों के लिए पीपल का पेड़ काफी कारगर माना जाता है। अस्थमा से राहत पाने के लिए पीपल के तने की छाल के अंदर के हिस्से को निकालकर सुखा लें। जब यह अच्छी तरह से सूख जाए तो इसका बारीक चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण का पानी के साथ सेवन करें। यह इलाज अस्थमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।

No comments:

Post a Comment