Monday, September 27, 2021

नमक के पानी में नहाने से हो जाएंगे गोरे, जानें 10 और फायदे

 नमक ज्यादातर सिर्फ खाने में ही काम में लिया जाता है। लेकिन यदि इसे नहाने के पानी में मिलाकर नहाएं तो यह रंग गोरा करने समेत कइ तरह के फायदे भी करता है। आयुर्वेदिक वैद्य श्री. पटेलजी के अनुसार नमक में मौजूद मैग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम जैसे मिनरल्स होते हैं जो शरीर को इन्फेक्शन से बचाते हैं।

जानें इसके 10 फायदे 

1.नमक के पानी से नहाने पर रंग गोरा होता है। यह स्किन की डेड सेल्स को निकाल देता है तथा स्किन को सॉफ्ट और चमकदार बनाकर रंग निखारता है।

2.नमक के पानी से नहाने पर हड्डियों के दर्द में राहत मिलती है। रोज नमक के पानी से नहाने पर जॉइंट पेन की समस्या भी दूर होती है।

3.नमक के पानी से नहाने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है तथा इससे ब्रेन फंक्शंस बेहतर होते हैं। तनाव दूर होकर दिमाग को शांति मिलती है।

4.नमक के पानी से नहाने से मसल्स को आराम मिलता है तथा मसल्स पेन से राहत मिलती है।

5.नमक के पानी में भरपूर मग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम जैसे खनिज-लवण होते हैं। ये स्किन की तह तक जाकर सफाई करते हैं जिससें स्किन में इन्फेक्शन का खतरा टलता है।

6.नमक के पानी से नहाने पर स्किन मॉइश्चराइज होती है। इससे स्किन सेल्स की अच्छी ग्रोथ होने के साथ ही वो हेल्दी भी बनती है। इससे स्किन के दाग और झुर्रियां भी दूर होती है।

7.नमक के पानी में मौजूद तत्व स्किन की फंगस को हटा देते हैं तथा डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं।
8 नमक के पानी से नहाने पर थकान और स्ट्रेस दूर होते हैं। दिमाग को शांति मिलती है तथा रात को अच्छी नींद आती है।

9.नमक के पानी से नहाने पर बालों के बैक्टीरिया खत्म होते हैं तथा बाल हेल्दी और चमकदार होते हैं।

10.नमक के पानी में मौजूद तत्व शरीर का ऑयल लेवल कंट्रोल करते हैं। यह शरीर में एसिडिटी की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

Tuesday, September 21, 2021

नंगे पैर पैदल चलने के 8 फायदे, तुरंत जानिए

रोजाना सुबह की सैर हो या फिर जिम में ट्रेडमील का

इस्तेमाल, पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए हमेशा ही हितकर होता है और आप इसके फायदे भी जानते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नंगे पैर पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है? जी हां, बगैर मोजे और जूतों के, धरती पर पैदल चलना सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है। जानिए इसके यह 8 फयदे -

पुराने समय में लोग बगैर जूतों के ही पैदल चलते थे, लेकिन समय के साथ-साथ जूते-चप्पल पहनना आम हो गया। दरअसल गंदगी या चोट से बचने के लिए ही पैदल चलने के लिए जूते-चप्पलों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अगर आप किसी घास के मैदान या साफ जमीन पर पैदल चल रहे हैं, तो उसकी आवश्यकता नहीं होती। बल्कि नंगे पैर चलने से आपको कई फायदे हो सकते हैं।

 सबसे पहला फायदा तो यह है, कि दिनभर आप अपने पैर जूते या चप्पलों से पैक रखते हैं, ऐसे में नंगे पैर खुली हवा में रहने से, पैरों को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है, रक्त संचार बेहतर होता है, जि‍ससे उनकी थकान या दर्द खत्म हो जाता है।

 नंगे पैर पैदल चलने से वे सारी मांसपेशियां सक्रिय हो जाती है, जिनका उपयोग जूते-चप्पल पहनने के दौरान नहीं होता। मतलब आपके पैरों के अलावा, उससे जुड़े सभी शारीरिक भाग सक्रिय हो जाते हैं।

 नंगे पैर पैदल चलते वक्त, आपके पंजों का निचला भाग सीधे धरती के संपर्क में आता है, जिससे एक्युप्रेशर के जरिए सभी भागों की एक्सरसाईज होती है, और कई तरह की बीमारियों से निजात मिलती है।

4  प्राकृतिक तौर पर धरती की उर्जा पैरों के जरिए आपके पूरे शरीर में संचारित होती है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे आपको भूमि तत्व से संबंधित रोग नहीं होते। 

5  दिनभर जूते-चप्पल पहनकर आप चलने में जरूर संतुलन बनाए रखते हैं, परंतु नंगे पैर चलना आपके शरीर की सभी इंद्रियों के संतुलन की प्राकृतिक चेतना को बरकरार रखने में मदद करता है।

 नंगे पैर चलने से शरीर में प्राकृतिक रूप से उर्जा बनी रहती है, और इससे शरीर के अंग अधिक सक्रिय, सुडौल व उपयोगी बनते हैं। इसके साथ ही आपका रक्तसंचार भी बेहतर होता है।

नंगे पैर चलना एक तरह से प्रकृति के साथ, खुद के और करीब आने जैसा है। इसके जरिए आप खुद के प्रति अधिक जागरूक होते हैं और पहले से अधिक संवेदनशील होते हैं।

8  इस प्रयोग से उर्जा का स्तर बढ़ने के साथ ही, तनाव, हाईपरटेंशन, जोड़ों में दर्द, नींद न आना, हृदय संबंधी समस्या, ऑथ्राईटिस, अस्थमा, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्याएं भी समाप्त होती है, और रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

Sunday, September 19, 2021

हार्ट ब्लॉकेज खोलने और कोलेस्ट्रॉल कम करने का उपाय..पीपल का पत्ता शरीर के सारे ब्लॉकेज खोले और कोलेस्ट्रॉल कम करे.

प्राचीन आयुर्वेद का आधार ही प्रकृति है और प्रकृति हमे वो सब प्रदान करती है जिससे हमारा धरती पर जीवन यापन सरल और सफल हो पाता है। अगर हम किसी समस्या में पड जाते है तो प्रकृति के पास हमारी हर समस्या का समाधान भी होता है क्योकि प्रकृति में ऐसी अनेक जड़ी बूटियाँ और ओषधियाँ है।

जिनसे हर रोग को तुरंत ठीक किया जा सकता है. ऐसा ही एक रोग है ह्रदय रोग, किन्तु प्रकृति की औषधियों में से एक है पीपल, जिसको सभी देवतुल्य मानते हैं और उसकी पूजा करते है. इस पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल करके हृदय रोगों को भी दूर किया जा सकता है।

हमारे हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और इसकी पूजा करने से व्यक्ति के ग्रह दोष को भी शांत किया जा सकता है।

पीपल बहुत ठंडा होता है। पीपल के पेड़ के अनेक अलौकिक गुणों के कारण इसे हिन्दू लोग बहुत ही पवित्र मानते हैं और पूजा करते हैं। हिन्दुओं में पीपल की लकड़ियां जलाना निषेध है। पीपल के फल छोटे-छोटे होते हैं। पीपल के पेड़ को छाया के लिए देव-मन्दिरों के आस-पास और रास्तों पर लगाया जाता है। पीपल की छाया स्वास्थ्यवर्द्धक होती है।

पीपल के वृक्ष का ना सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। पूरे 24 घंटे तक ऑक्सीजन देने वाले इस पेड़ के पत्तों का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि पीपल के पत्ते आपको किन-किन बीमारियों से छुटकारा दिलाते है।

पीपल का पत्ता शरीर के सारे ब्लॉकेज खोले और कोलेस्ट्रॉल कम करे

हार्ट के रोगों का खतरा होता है कम : पीपल के पत्ते व्यक्ति को दिल की बीमारियों के खतरे से बचाता है. इसके लिए पीपल की 15 ताजी हरी पत्तों को एक गिलास पानी में अच्छी तरह से उबाल लें। पानी को तब तक उबालें जब तक वो एक तिहाई ना रह जाए। फिर उस पानी को ठंडा करके छान लें और इसकी तीन खुराक बना लें। दिन में हर तीन घंटे के बाद इसका सेवन करें. ऐसा करने से दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे को दूर किया जा सकता है। यह उपाय कोलेस्ट्रॉल घटाएँ, नसों के ब्लॉकेज खोले, हार्ट ब्लॉकेज से बचाएं।

दिल का दौरा होना (हार्ट अटैक से बचाव) : पीपल के ताजा विकसित कोमल 15 पत्ते लें, फिर हर पत्ते के ऊपर तथा नीचे का कुछ हिस्सा कैंची से काटकर फेंक दें। अब पत्तों को साफ पानी से धो लें। इन सभी 15 पत्तों को लगभग 400 मिलीलीटर पानी में डालकर धीमी आग पर उबालें। जब एक तिहाई पानी बच जाये तब उतारकर ठंडा कर लें और किसी साफ कपड़े से छानकर ठंडे साफ स्थान पर ढंककर रख दें। इस दवा की 3 खुराके बनाकर दिन में 3-3 घंटे बाद रोगी को देने से दिल के दौरे में आराम मिलेगा। इस प्रकार ताजा नई दवा बनाकर 15 दिन तक रोगी को पिलाने से लाभ मिलता है। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बनता है। हार्ट के ब्लॉकेज शत-प्रतिशत खुल जाते है।

नोट : खुराक को लेते समय पेट बिल्कुल खाली नहीं होना चाहिए। दलिया, बिस्कुट या हल्का नाश्ता करने के थोड़ी देर बाद दवा लें।

परहेज : इस दवा के सेवनकाल में तली चीजे, मांस-मछली, अंडे, शराब आदि का सेवन और धूम्रपान न करें। नमक व चिकनाई का प्रयोग कम करें।

कोलेस्ट्रॉल और रक्तपित्त (खूनी पित्त) : 10 ग्राम पीपल के पत्तों का रस 60 ग्राम हीरा बोल (एक प्रकार का गोंद) में 2 गुनी मात्रा में शहद को मिलाकर पिलाने से हृदय के अंदर रुका हुआ खून का नाश हो जाता है और खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है।

पीपल के पत्ते के अन्य बेहतरीन फायदे

बिवाइयां (एड़ियों का फट जाना) : पीपल के पेड़ के 20 पत्तों को तोड़कर पीस लें, फिर इसे 4 गिलास पानी में अच्छी तरह उबालें, जब 3 गिलास पानी शेष बचे तो इस पानी को छान लें। इसके बाद इस पानी में कपड़ा भिगोकर बिवाइयों पर सेंक करें और बाद में इसी पानी से धोयें। इससे फटी हुई एड़ियां ठीक हो जाती हैं।

अस्थमा के मरीजों के लिए कारगर

अस्थमा के मरीजों के लिए पीपल का पेड़ काफी कारगर माना जाता है। अस्थमा से राहत पाने के लिए पीपल के तने की छाल के अंदर के हिस्से को निकालकर सुखा लें। जब यह अच्छी तरह से सूख जाए तो इसका बारीक चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण का पानी के साथ सेवन करें। यह इलाज अस्थमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।