Monday, September 3, 2018

बेटिया मर रही हैं…

कड़वा है लेकिन सत्य हे किसी को बुरा लगे तो चूड़िया पहन लेना जो लिखा हे वो दिल की विडम्बना थी लिख दिया

टीवी पे ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल 72घंटो के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा…

बिना दिमाक की लडकिया फॉर्म में…हर हप्ते नया बॉयफ्रेंड....सेक्स फिर…गोलिया जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट बस निगल जाती हैं…

इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटो के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नही करता बल्कि पूरा का पूरा fertility system ही करप्ट कर देता है…शुरू में तो गोलिया खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये बाझ बन गयी अब माँ नही बन सकती…तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है पर कोई बोलता नही जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है…

पहली चीज प्रेगनेंट नही होना तो सेक्स क्यों और दूसरी चीज आशा, ANM, आगनवाडी, सरकारी स्वास्थ्य केंद्र क्या झक्क मराने के लिए हैं…

सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा के नाम पर करोड़ो फुक देती है और आपकी जुल्मी लडकिया खुद डॉक्टर बन जाती है…

आज हालत ये हैं किशोरा अवस्था की लड़कीया  बैग में i-pill लेकर घूम रही है ये मरेंगी नही तो क्या होगा…कभी समय निकालकर अपनी बेटी या बहन का बैग भी चेक कर लिया करो हर साल लाखो बच्चिया बच्चेदानी के कैंसर से मर जाती हैं उसका एकमात्र कारण माता पिता और भाई की लापरवाही…

Thursday, August 16, 2018

घाव जल्दी भरने के उपाय और घरेलू इलाज

जख्म ठीक करने के लिए हम घरेलू नुस्खे और देसी उपायों से उपचार कर सकते है। ये तरीके अंग्रेजी दवाओं के मुकाबले सस्ते और किफायती है। इन उपायों से पुराना घाव तक सूखने और उनके दाग/निशान भी मिटाने में मदद मिलती है।

1. घाव की दवा हल्दी और गोमूत्र
हल्दी का प्रयोग घाव भरने में बहुत असरदार साबित होता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होने के कारण इन्फेक्शन और साइड इफ़ेक्ट से बचने में मदद मिलती है |

गोमूत्र का प्रयोग घाव को साफ़ करने के लिए करे। ऐसा करने से घाव जल्द भर जाता है और दर्द में भी आराम मिलता है ऐसा करने के बाद हल्दी का लेप लगाये |

2. शहद से घाव कैसे भरे
शहद बहुत ही गुणकारी औषधि है जिसका उपयोग पुराने समय से ही बहुत से रोगों में किया जाता है। शहद में एंटी बेक्टरीअल तत्व होते है जो घाव को बेक्टेरिया से बचाने में मदद करते है। यदि घाव हल्का हो तो उसे साफ़ करने के बाद शहद लगाकर उसपर पट्टी बांध दे ऐसा करने से घाव सूखने में कम वक्त लगता है।

स्किन की सूजन दूर करने में भी शहद बहुत कारगर है शहद लगाने से सूजन से राहत मिलती है।

3. चोट लगने पर उपचार करे आईस पैक से
यदि घाव पर सूजन कम होने का नाम नहीं ले रही तो आईस पैक का प्रयोग बहुत कारगर तरीका है। आईस पैक के उपयोग से खून का बहना तो कम होता है बल्कि दर्द में भी राहत मिलती है इससे घाव भी जल्द भरने लगता है।
आईस पैक का प्रयोग बहुत ध्यान से करना चाहिए। इसका प्रयोग खुले और इन्फेक्टेड घावों पर नहीं करना और ना ही सीधे तौर पर त्वचा पर लगाये।

यदि आपके पास आइस पैक उपलब्ध नहीं है तो आप एक टॉवल ले, उसे बर्फ वाले बॉक्स में लगभग दस से पन्द्रह मिनट के लिए रखे और फिर इसके बाद किसी अन्य चीज़ पर अच्छे से लपेट कर घाव वाली जगह पर प्रयोग करे।

4. जख्म का देसी इलाज है एलोवेरा
एलोवेरा का प्रयोग घाव को ठीक करने के लिए बहुत लाभदायक है यदि घाव अधिक गहरा न हो तो अलोवेरा के पत्तों का उपयोग हम घाव पर कर सकते है। इस से सुजन में भी आराम मिलता है और घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
एलोवेरा का प्रयोग ना करे यदि घाव अधिक गहरा हो।
अलोवेरा के प्रयोग से वैसे तो साइड इफ़ेक्ट या एलर्जी नहीं होती परन्तु अगर इसके प्रयोग से घाव का रंग लाल हो जाये तो डाक्टर से सम्पर्क करे। जलने और कटी हुई स्किन पर जल्दी आराम पाने के लिए अलोवेरा का रस बहुत फायदेमंद है।

5. सिरका से जख्म के उपाय
जख्म के उपचार में सिरका का प्रयोग भी बहुत महत्वपूर्ण उपायों में से एक है अगर स्किन जल गयी है या कट गयी है रुई पर सिरके की एक से दो बूंद लगाकर घाव वाली जगह पर लगाये ऐसा करने से जलन तो महसूस होगी पर इससे घाव में जल्द ही आराम मिलेगा।

यदि आपको कोई चोट लगी है और जख्म है तो आप दूध को अच्छे से उबालकर उसमें हल्दी डालकर आप पी सकते है।

अश्वगंधा चूर्ण के फायदे और घरेलू उपाय

अश्वगंधा एक प्रकार का पौधा है जिससे पाउडर और कैप्सूल के रूप में कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां बनाई जाती है, इसके साथ साथ कई घरेलू नुस्खे में इस औषधि का प्रयोग किया जाता है।

1. सफेद पानी (लिकोरिया) की वजह से women के शरीर में कमजोरी आने लगती है और साथ ही प्रजनन क्षमता पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। अश्वगंधा के सेवन से महिलाओं को इस रोग से काफी राहत मिलती है। ब्रेस्ट का साइज़ बढ़ाने के लिए अश्वगंधा शतावरी के साथ ले।

2. पुरुषों के लिए भी अश्वगंधा चूर्ण से होने वाले फायदे अनेक है। इसके सेवन से men की प्रजनन क्षमता बढ़ती है, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है, शारीरिक थकान, कमजोरी दूर होती है, शरीर में जोश आता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जो लोग अनिद्रा के रोग से परेशान है और गहरी नींद नहीं ले पाते उनके लिए अश्वगंधा एक अचूक दवा है।

3. वजन बढ़ाना है तो इसमें भी अश्वगंधा का सेवन काफी फायदेमंद होता है। अश्वगंधा और शतावरी को मिलाकर इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिलाये और रात को सोने से पहले या कसरत के बाद इसका 1 चम्मच पाउडर खाये और ऊपर से गरम दूध पिए। 1 महीना ये उपाय करने पर weight gain होने लगेगा। जाने वजन कैसे बढ़ाये ।

4. अश्वगंधा से हाइट कैसे बढ़ाये, अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो इसका जवाब है हां अश्वगंधा से हाइट बढ़ती है। लम्बाई बढ़ाने के लिए ये रामबाण आयुर्वेदिक मेडिसिन है। 1 गिलास दूध में 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण मिला कर इसका सेवन करे। ये उपाय 40 से 45 दिन नियमित करने पर हाइट बढ़ाने में मदद मिलती है।

5. हाई ब्लड प्रेशर के उपचार में भी ये काफी फायदेमंद है। हाई बीपी की बीमारी में अश्वगंधा चूर्ण दूध के साथ सेवन करे। इसका सेवन करने से तनाव भी कम होता है। लो बीपी होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।

6. फोड़े फुंसी और जख्म ठीक करने के लिए अश्वगंधा के पत्तों को पीस कर घाव पर लगाए।

7. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अश्वगंधा, आंवला और मुलेठी को बराबर मात्रा में मिला कर इस पाउडर का 1 चम्मच रोजाना ले।

8. टीबी का देशी इलाज में भी ये दवा काफी फायदा करती है और खांसी भी दूर होती है। इसके उपयोग से बॉडी में आयरन की मात्रा बढ़ती है।

9. कैंसर (cancer) के इलाज में भी ये औषधि काफी उपयोगी है। अश्वगंधा कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकने का काम करती है।

10. अश्वगंधा कैप्सूल और पाउडर के फायदे, कुछ और रोग भी है जिनके उपाय में अश्वगंधा का उपयोग किया जा सकता है जैसे की वेट लॉस, बॉडी बनाना, गठिया, कफ, अस्थमा, खांसी, स्किन के लिए, बालों के लिए, लिवर के रोग और बॉडी इम्यूनिटी बढ़ाना।

पेट साफ करने की दवा और घरेलू उपाय

1. जल्दी पेट साफ करने के लिए चूर्ण लेना है तो कायम चूर्ण और पेट सफा चूर्ण का सेवन करे। कब्ज से राहत पाने और पेट के रोग दूर करने में ये काफी फायदा करते है। गुनगुने दूध के साथ 1 चम्मच चूर्ण रात को सोने से पहले लेने पर अगली सुबह खुल कर पेट साफ हो जाएगा।

2. मल साफ ना होना की समस्या को दूर करने के लिए त्रिफला चूरन रामबाण दवा है। रोजाना त्रिफला का सेवन करने पर constipation से छुटकारा मिलता है।

3. पेट साफ कैसे करे पतंजलि की दवा में बाबा रामदेव के अनुसार पतंजलि कब्ज चूर्ण, पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण और दिव्य गैसहर चूर्ण कुछ ऐसे नाम है जो कब्ज के इलाज में असरदार है।

4. होम्योपैथिक दवा से भी कब्ज के रोग को खत्म करने में मदद मिलती है। Silicea 200 नाम की homeopathic medicine की 3 बूंदे 10 मिनट के अंतराल में दिन में 3 बार ले। .

5. पेट साफ करने की गोली लेनी है तो अंगेजी दवा की जगह आयुर्वेदिक ले। Pet saffa churan और kayam churna टेबलेट के रूप में भी उपलब्ध है। चूर्ण की जगह गोली का सेवन करना थोड़ा आसान होता है। रात को सोने से पहले इसकी 1 गोली ले और अगर कब्ज पुरानी है या गंभीर है तो 2 गोली ले सकते है।

6. छोटी व बड़ी हरड़ 100-100 ग्राम, आंवला 100 ग्राम और बहेड़ा 100 ग्राम ले। अब इन सभी को मिला ले और पीस कर चूर्ण बना ले। जब भी कब्ज की समस्या हो इस चूर्ण का सेवन करे जल्दी राहत मिलेगी।

7. तुरंत पेट साफ करने के लिए एनिमा करना भी एक अच्छा उपाय है। आप घर पर खुद गुनगुने पानी से एनिमा कर सकते है, इससे कुछ ही देर में मल साफ हो जायेगा और पेट हल्का महसूस होगा।

फैटी लीवर का इलाज के घरेलू नुस्खे और उपाय

1. लिवर सिरोसिस (जिगर के संकोचन) में दिन में 2 बार प्याज खाने से फायदा मिलता है।

2. फैटी लीवर का आयुर्वेदिक इलाज , 25 ग्राम आंवले का रस या फिर 4 ग्राम सूखे आंवले का चूर्ण पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से 15 से 20 दिनों में जिगर के सभी दोष दूर हो जायेंगे।

3. जिगर के रोग में दोपहर के खाने के बाद लस्सी/छाछ पीना काफी फायदेमंद है। इस घरेलू नुस्खे में छाछ में हींग, नमक, जीरा और काली मिर्च मिलाकर पीना उत्तम है।

4. आधा निम्बू 100 ग्राम पानी में निचोड़कर इसमें नमक डालें और दिन में 2 से 3 बार पिए। इस उपाय से भी जिगर की खराबी का इलाज कर सकते है, ध्यान रहे इस मिश्रण में चीनी मत डाले।

5. फैटी लिवर के उपाय करने में ग्रीन टी का सेवन करना काफी असरदार है। अच्छे परिणाम पाने के लिए आप ग्रीन टी को अपनी डाइट में शामिल करें और ग्रीन टी के एंटीऑक्सीडेंट गुणों का फायदा उठाएं।

6. 200 से 300 ग्राम पके हुए जामुन हर रोज खाली पेट खाने से भी लिवर की खराबी दूर करने में मदद मिलती है।

7. विटामिन सी फैटी लिवर का घरेलू इलाज है। बेहतर परिणाम के लिए खाली पेट नींबू और संतरे का जूस पीएं।

8. करेला स्वाद में भले ही कड़वा होता है पर फैटी लिवर के अचूक उपचार के लिए मददगार है। जल्दी ठीक होने के लिए हर रोज 1 या 1/2 कप सब्जी करेले की खाएं या फिर करेले का जूस बना कर पिए।

9. आप अगर फैटी लिवर से प्रभावित हैं तो कच्चा टमाटर को अपने आहार में शामिल करे। अच्छे परिणाम पाने के लिए नियमित इसका सेवन करना चाहिए।

10. लीवर का उपचार के लिए फैट फ्री डाइट ले, अगर आप सोचते हैं की डाइट से फैट घटाने के लिए भूखा रहना पड़ेगा तो ये गलत हैं। भूखा रहना लीवर के लिए हानिकारक है, इससे फैटी लिवर की आशंका और भी बढ़ जाएगी। लीवर को स्वस्थ रखने के उपाय के लिए आहार में जूस और फल लें और पानी अधिक मात्रा में पीएं।

Sunday, May 6, 2018

गर्दन में अकड़न को दूर करने के घरेलू उपाय

गर्दन में अकड़न को दूर करने के घरेलू उपाय 

कई बार गलत तरीके से बैठने या गलत तरीके से सोने से गर्दन में गर्दन में अकड़न या गर्दन की जकड़न की समस्या होने लगती है। यह समस्या कुछ ऐसी है जिसमें आप अपनी गर्दन को थोड़ा भी मूव करते हैं तो आपको परेशानी होने लगती है। गर्दन में अकड़न को दूर करने के घरेलू उपाय आज के इस लेख में हम यही बात करेंगे! वैसे आप कंप्यूटर मोनिटर के सामने यदि आप कई-कई घंटों तक काम करते हैं तो उस अवस्था में भी आपको गर्दन के जॉइंट में भी अकड़न की समस्या होने लगती है। इसके अलावा लंबे समय तक ड्राविंग और लगातार कई घंटे तक अपने स्मार्ट फोन पर नजरे गड़ाए रखना भी आपके गर्दन में अकड़न पैदा कर सकता है।

गर्दन की जकड़न से छुटकारा दिलाए पुदीना का तेल

गर्दन की जकड़न से छुटकारा दिलाए पुदीना का तेल 

 

पुदीने का तेल एक ऐसा तेल है जो आपके शरीर पर एक शांत प्रभाव को छोड़ता है और मांसपेशियों को राहत देता है। इसमें रोगाणुरोधी गुण भी हैं, जिससे यह मुंह की बदबू को दूर करने और पाचन संबंधी समस्याओं को शांत करने में मदद कर सकता है। यदि आप गर्दन में अकड़न की समस्या से जुझ रहे हैं तो आपके लिए पुदीने का तेल बहुत ही लाभकारी होगा। 

पेपरमिंट ऑयल मेन्थॉल है जो गर्दन में अकड़े हुए मांसपेशियों को ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसकी एनाल्जेसिक गुण दर्द और असुविधा को कम करने में मदद करती है। 

इसके लिए आप दो छोटे चम्मच जैतून के तेल को हल्का गर्म कर लीजिए और उसमें पुदीने के तेल की कुछ बूंदे उसमें डालिए। फिर गर्म तेल से अपने गर्दन की मसाज करें। आप कुछ दिन के लिए इस घरेलू उपचार का उपयोग दिन में दो बार कीजिए। इस बात का ध्यान दीजिए कि बच्चों और जिन लोगों की संवेदनशील त्वचा है उन्हें पुदीने के तेल के उपयोग से बचना चाहिए। 

गर्दन के दर्द में राहत दे सेंधा नमक

गर्दन के दर्द में राहत दे सेंधा नमक 

 

सेंधा नमक के बहुत ही फायदे हैं जो न केवल सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन्स का बैलेंस बनाएं रखता है जो तनाव से लड़ने में मदद करते हैं बल्कि यह नमक मांसपेशियों के ऐंठन और अकड़न के साथ ही जोड़ों के दर्द को भी कम करता है। यह मांसपेशियों में तनाव, दर्द और सूजन को राहत देने के लिए काम करता है।

स्पॉमम नमक या सेंधा नमक जो केमिकल कंपाउंड मैग्नीशियम सल्फेट से बना है, गर्दन के अकड़न को कम कर सकता है। यह शरीर में विभिन्न एंजाइमों की गतिविधि को विनियमित करने में मदद करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। इसकी मदद से मांसपेशियों में तनाव को कम किया जा सकता है।

इसके लिए आप दो कप सेंधा नमक लीजिए और इसे पानी से भरे हुए बाथ टब में डाल दीजिए। बाथटब में पानी थोड़ा गर्म होना चाहिए। फिर गर्दन को 15 से 20 मिनट के लिए इस पानी से भिगोएं। आप सप्ताह में 3 बार इसे कर सकते हैं। इस बात का ध्यान दीजिए कि जिन्हें किडनी या फिर डायबिटीज की समस्या है उन्हें इस उपचार को नहीं अपनाना चाहिए। 

गर्दन में अकड़न में फायदेमंद है मसाज

गर्दन में अकड़न में फायदेमंद है मसाज 

 

गर्दन में अकड़न को दूर करने के घरेलू उपाय में मसाज भी शामिल है। धीरे-धीरे मसाज करने से आपका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जो आपके मांसपेशियों को आराम देता है। यह गर्दन की कठोरता को कम करने में सहायता करता है। इसके अलावा, यह आपके बेहतर नींद में मदद करेगा। 

 

इसके लिए आप पहले अपनी मांसपेशियों को आराम देने के लिए हल्के गर्म स्नान करें। फिर आप जैतून के तेल, नारियल तेल या सरसों के तेल को हल्का गर्म करके प्रभावित जगह पर मसाज कर सकते हैं। इस बात का ध्यान दीजिए कि आप मसाज तेजी से न करें। आप चाहे तो  गर्दन में अकड़न के लिए एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।

फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार

फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार

फूड पॉइजनिंग दूषित भोजन के खाने के कारण होने वाली एक बीमारी है। यह आमतौर पर गंभीर बीमारी नहीं है और उपचार के बाद कुछ दिनों के भीतर ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार भी है जिसे बिना किसी नुकसान के इस्तेमाल किया जाता है!सेब का सिरका

सेब का सिरका

प्राकृतिक रूप से सेब का सिरका सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है। इसका सेवन शरीर को बहुत ही लाभ पहुंचाता है। इसमें वजन घटाने, कम कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और मधुमेह के लक्षण को दूर करने जैसे लक्षण शामिल हैं।

फूड पॉइजनिंग के लिए आप एक से दो बड़े सेब का सिरका लीजिए। फिर इसे एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं और उसी समय पी जाइए। इसे दिन में दो से तीन बार पीजिए। सेब के सिरके में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण खाद्यजन्य बैक्टीरिया के लिए बहुत ही प्रभावी है। सेब का सिरका मिनरल्स और एंजाइमों का एक समृद्ध स्रोत है जो शरीर को स्थिर करने में मदद कर सकता है।

नींबू का जूस

शरीर को ठंड़ा रखने और पानी की कमी को पूरा करने के लिए लोग नींबू के जूस का सेवन भरपूर मात्रा में करते हैं। गर्मियों में नींबू पानी पीना हर उम्र के लिए उपयोगी है। नींबू पानी न केवल शरीर के विषाक्त पदार्थ को दूर करके, शरीर को साफ करने में मददगार है। नींबू का रस एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है जो आपके शरीर की समग्र उपचार में सुधार करता है।

इसकी जीवाणुनाशक गतिविधि फूड पॉइजनिंग से लड़ने में बहुत ही सहायता करता है। नींबू का रस भी पाचन में सहायता करता है और आपको तेजी से ठीक होने में मदद करता है। इसके लिए आप आधा नींबू का रस निकालें और इसे एक गिलास पानी के साथ मिलाएं। स्वाद के लिए कुछ शहद मिलाएं और इसका सेवन करें। आप इसे रोजाना 2 से 3 बार पी सकते हैं। 

लहसुन

लहसुन

लहसुन न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाता है बल्कि आपकी सेहत में भी लहसुन की एक अहम भूमिका है। नियमित रूप से लहसुन का उपभोग एलिसिन के एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह रक्तचाप और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

लहसुन में शक्तिशाली जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो खाद्यजनित रोगों को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं। इससे दस्त और पेट दर्द से भी छुटकारा पाया जा सकता है। फूड पॉइजनिंग के लिए आप रोज एक कच्चा लहसुन चबाइए। जब तक आपको आराम नहीं मिल जाता तब तक आप लहसुन को चबाइए।

केला

केला फाइबर और पोटेशियम में समृद्ध स्रोत हैं। वे आपके शरीर में खोए पोटेशियम को भर देता हैं, जो बदले में, आपको फिर से ऊर्जा प्रदान करता है और फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप नियमित रूप से केले का सेवन कीजिए।

तुलसी

फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार में तुलसी भी शामिल है। तुलसी धार्मिक, आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक महत्व की दृष्टि से विलक्षण पौधा है, जिसका इस्तेमाल हर किसी के घर में किया जाता है। फूड पॉइजनिंग के लिए तुलसी के पत्ते को पीस लें और उसका रस निकाल लें। आप एक चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाइए और उसका तत्काल उसका सेवन कीजिए। इसके अलावा आप एक कप पानी में एक बूंद में तुलसी मिलाइए और इसका सेवन कीजिए। 

दालचीनी फेस पैक त्वचा में लाए चमक


दालचीनी फेस पैक त्वचा में लाए चमक 

आप मुंहासे को हटाने वाले क्रीम और मलहम पर पैसा खर्च करने से थक चुके हैं और वांछित परिणाम प्राप्त करने में विफल हो रहे हैं, तो कुछ समय के लिए घरेलू उपायों पर ध्यान देना चाहिए। कई लाभों को ध्यान में रखते हुए आज घरेलू और प्राकृतिक उपचार लोगों के बीच अधिक से अधिक लोकप्रिय हो रहा है। आपको बता दें दालचीनी अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए व्यापक रूप से जाना जाता हैं। हालांकि, केवल कुछ ही लोग जानते हैं कि दालचीनी पाउडर आपकी त्वचा के लिए लाभप्रद भी हो सकता है।

त्वचा के लिए दालचीनी का फेस पैक

त्वचा के लिए दालचीनी का फेस पैक 

 

1. इसके लिए आप नींबू के रस में थोड़ा दालचीनी पाउडर मिलाएं। यह मुंहासे को दूर करने का एक शानदार उपाय और एक प्रभावी समाधान है।

2. इसके अलावा शहद और दालचीनी का मिश्रण त्वचा की खुजली समस्याओं और उपचार के लिए अत्यधिक प्रभावी है।

3. यदि आपको ब्लैकहैड की समस्या है तो उपचार के लिए आप ताते नींबू के रस की कुछ बूंदों और चुटकीभर दालचीनी पाउडर को मिलाएं

आपको प्रभावी परिणाम मिलेंगे।

4. एक टेबल स्पून शहद लीजिए और उसमें एक टी-स्पून दालचीने मिलाएं और चेहरे पर लगाए। चेहरे पर चमक आएगी।

5. दालचीनी चेहरे और शरीर पर मुंहासे की समस्या से छुटकारा पाने में मदद करता है। यह बाहरी त्वचा की सतह पर रक्त और ऑक्सीजन लाने में मदद करता है। आप प्रभावित क्षेत्रों पर शहद का पेस्ट लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दे आपको फायदा मिलेगा।

6. दालचीनी त्वचा को मृत त्वचा की कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है और त्वचा को चमकीला और मुलायम लाने में मदद करता है। स्किन ड्राईनेस से लड़ने के लिए आप समुद्री नमक, बादाम का तेल, जैतून का तेल, शहद और दालचीनी को मिलाएं और त्वचा पर स्क्रब करें।

7. एंटिफंगल और जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर दालचीनी रंग को बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आप केला, दही, दालचीनी, और नींबू का रस को मिलाकर चिकना पेस्ट बनाएं। फिर इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद चेहरे को धो लें।

8. दालचीनी ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और ऑक्सीजन और रक्त को त्वचा की बाहरी सतह पर लाता है। इसके लिए आप दालचीनी के तेल की दो बूंदे और पेट्रोलियम जेली को मिलाकर घरेलू उपाय तैयार करें और आंख के क्षेत्र को बचाते हिए पूरे चेहरे लगाएं।

दालचीनी के फायदे

दालचीनी के फायदे

1. दालचीनी में पोलीफेनॉल नाम का एंटीऑक्सिंडेंट होता है जो इसे सुपरफूड का दर्जा दिलाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी है जो गंभीर सूजन की समस्या को रोकता है।

2. दालचीनी खून में ग्लूकोज के स्तर को सामान्य बनाने में सहायक साबित होता है। इसके अलावा यह ब्लड शुगर को सुधार करने में मदद करता है।

3. दालचीनी खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। इसकी वजह से संक्रामक रोगों का खतरा कम हो जाता है। दालचीनी वायरस को दूर कर सकता है जिसकी वजह से फ्लू और सर्दी होता है। यह खराब बैक्टीरिया के विकास भी रोकता है।

4. इसे खाने से बॉडी में खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्रि ग्लीसेराइड्स का स्तर कम होता है। इसकी वजह से उच्च वसायुक्त भोजन का प्रभाव कम हो जाता है।

5. दालचीनी वसा को तोड़ने में मदद करता है और इस प्रकार यह पाचन में सहायता करता है। इसके अलावा, शहद और दालचीनी का संयोजन भी पेट के अल्सर को ठीक करने और गैस से राहत देने में मदद करता है।

धूप से झुलसे चेहरे का उपचार

धूप से झुलसे चेहरे का उपचार 

 

गर्मियों में एक समस्या जिसका सामना हर किसी को करना पड़ता है वह धूप से झुलसे चेहरे। इसका असर हमारे स्किन पर साफ तौर पर दिखाई देता है। अगर आप इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए कुछ उपचारों पर आपको ध्यान देना होगा।

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह स्वाभाविक रूप से क्षारीय होता है, इसलिए अम्ल सम्बंधित रोगों के लिए इसका इस्तेमाल बहुत ही व्यापक रूप से किया जाता है। धूप से झुलसे चेहरे का उपचार के लिए आप बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कर सकते हैं। सनबर्न के लिए एकदम सही घरेलू उपचार है।

इसके लिए आप एक कप बेकिंग सोडा में एक चौथाई कप पानी मिलाकर उसे अच्छी तरह से मिक्स और 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद आप नहा लीजिए और टावल से अपने शरीर को पोछ लीजिए। फिर इस पेस्ट को स्किन के प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। फिर इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें और ठंड़े पानी से धो लीजिए।

सेब का सिरका

सेब का सिरका 

खाने के स्वाद को बढ़ाने वाला सेब के सिरके का इस्तेमाल कई घरों में किया जाता है। सेब के सिरके में कई गुण होते हैं, जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। उन्हीं गुणों में एक गुण है सनबर्न का उपचार। सिरका, विशेष रूप से सेब साइडर सिरका, त्वचा के पीएच स्तर को सामान्य करने और उपचार की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए जाना जाता है। 

इसके लिए आप स्प्रे बोतल में सेब के सिरके को भर लीजिए और उसे स्किन प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। आपको बहुत ही फायदा मिलेगा। अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है तो आप इसमें पानी भी मिला सकते हैं।

खीरा

खीरा 

 

स्वास्थ्यवर्द्धक और सौन्दर्यवर्द्धक गुणों से भरपूर खीरा एक ऐसा खाद्द पदार्थ है जिसका उत्पादन लगभग पूरे भारत में किया जाता है। खीरा शरीर को शीतलता और ताजगी प्रदान करता है। इसको आप कई तरह से खा सकते हैं, जैसे- सलाद, सैंडवीच, या यूं ही नमक छिड़क कर भी खा सकते हैं।

आपने तो अपनी आंखों पर खीरा लगाने की लोकप्रिय प्रथा को भी देखा होगा। अगर इसके सौन्दर्य लाभ की बात करे तो यह सनबर्न हटाने के उपाय के तौर पर काम करता है। इसके लिए आप एक खीरे को अच्छी तरह मैशड कर लीजिए और इसके मास्क को स्किन के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इसे धोने से पहले 20 मिनट के लिए छोड़ दीजिए। आपको असर साफ तौर पर दिखाई देगा। आप इसे दिन में कई बार लगा सकते हैं।

एलोवेरा

एलोवेरा 

आयुर्वेद में एलोवेरा को संजीवनी कहा गया है। यह त्वेचा की देखभाल में बहुत ही सहायता करता है। यह धूप की कालिमा घरेलू उपचार है। इसके अलावा यह व्यापक रूप से सनबर्न को दूर करने और घावों को ठीक करने के लिए जाना जाता है। जेल आमतौर पर कच्चे रूप में और सीधे प्रभावित त्वचा पर लगाया जाता है।

इसके लिए आप एलोवेरा के पत्तों से फ्रेश एलोवेरा जेल निकाल लें और उसे आधे घंटे के लिए फ्रीज में रख दें। फिर प्रभावित स्किन इसे लगाएं और एक घंटे बाद इसे ठंड़े पानी से धो लीजिए।

वजन बढ़ाने का आयुर्वेदिक तरीका

डाइट में सोयाबीन को करें शामिल

अपनी डाइट में आप सोयाबीन को शामिल कीजिए। यदि आप एक शाकाहारी प्रोटीन के अच्छे स्रोतों की तलाश में हैं तो सोया सही है। सोया प्रोटीन में उच्च है। प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह हमारे आहार का अहम हिस्सा बन चुका है। वैसे सोयाबीन को हम सभी अलग-अलग रूप में अपनी डाइट में शामिल करते हैं। किसी को यह सब्जी की तरह पसंद है, तो कोई इसे दूध की तरह अपनी डाइट में शामिल करता है।

फलों का सेवन

 

वजन बढ़ाने का आयुर्वेदिक तरीका में फलों का सेवन भी शामिल है। आप नियमित रूप से फलों और फलों के जूस का सेवन कीजिए। यदि संभव हो तो हर दिन या सप्ताह में कम से कम तीन बार फलों का सेवन कीजिए। फाइबर में समृद्ध फल पाचन तंत्र के कामकाज में सुधार करने में भी मदद करता हैं।

अपने वजन को बढ़ाएं

अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं तो अपनी डाइट में दही, घी, दूध, गन्ना, चावल, काला चना और गेहूं शामिल करें। स्वस्थ तरीके से वजन हासिल करने के लिए ये सबसे अच्छा तरीका है।


वजन बढ़ाने के लिए नियमित रूप से करें व्यायाम 

वजन बढ़ाने के लिए नियमित रूप से करें व्यायाम 

एक्सरसाइज करने से हमें सारा दिन ताजगी महसूस रहती है और हमारी हड्डियों को मजबूत बनाया जा सकता है। यदि हम रोज सुबह व्यायाम करना शुरू कर दें, तो हमें इसकी अदात पड दाती है, जिससे किसी तरह की व्यायाम करने में दिक्कत नहीं होती।

वजन प्राप्त करने का मतलब यह नहीं है कि आपको व्यायाम करने की ज़रूरत नहीं है। हेल्दी तरीके से वजन को बढ़ाने के लिए आपको नियमित रूप से व्यायाम करने की जरूरत है। व्यायाम करने से बॉडी फूड को मेटाबॉलाइज कर पाएगा। साथ ही आपको भूख भी लगेगी जिससे आपका वजन बढ़ सकता है।

अपने आहार में मसाले को करें शामिल

आप अपने आहार में दालचीनी, लहसुन, अदरक, इलायची, लौंग और काली मिर्च जैसे मसालों को शामिल कीजिए। ये आपकी भूख को उत्तेजित करने में मदद करती है।

हल्दी दूध भी है फायदेमंद

आयुर्वेद में नींद का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए यदि आप अपने वजन को बढ़ाना चाहते हैं, तो रात में अच्छी तरह से सोएं। आप सात से आठ घंटे की नींद लीजिए। बिस्तर पर जाने से पहले मोबाइल फोन या लैपटॉप से दूरी बनाकर रखिए। आप अच्छी नींद के लिए एक चुटकी हल्दी के साथ गाय का दूध पीजिए। इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है, हल्दीे दूध कई रोगों के साथ दर्द से तुरंत आराम देता है।

सामान्य गति से आहार का सेवन

ज्यादातर लोग आहार का सेवन तेज या स्लो गति से करते हैं। अगर आप सामान्य गति से आहार का सेवन करते हैं, तो इससे वजन बढ़ाने में सहायता मिलती है। एक सामान्य गति से भोजन करने से लार ग्रंथियों का निर्माण होता है, जो पाचन में सहायता करता है।

घमौरियों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय 

घमौरियों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय 

 गर्मियों में घमौरियों की समस्या आप है। इससे वह लोग ज्यादा परेशान होते हैं जिन्हें पसीने आते हैं। घमौरियों की वजह से हमें जलन और खुजली भी बहुत होती है जिससे हम दिन हो या रात हमेशा परेशान रहते हैं। आज हम घमौरियों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में बात करेंगे जो आपकी तकलीफ से छुटकारा दिलाने में सहायता करेगा।

घमौरियों से छुटकारा दे हल्दी

घमौरियों से छुटकारा दे हल्दी 

 

आयुर्वेद में हल्दी का बहुत ही महत्व है। हल्दी में शक्तिशाली औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कई तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए कारगर है। यह एक करक्यूमिन प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी कम्पाउंड है जो सूजन को कम करने में सहायक है। अगर आप घमौरियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपके लिए हल्दी एक आयुर्वेदिक उपाय है।

घमौरियों के लिए नमक, हल्दी और मेथी को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। नहाने से पहले इस उबटन को पूरे शरीर पर साबुन की तरह लगाएं और 5 मिनट बाद नहा लें। हल्दी में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। इससे घमौरियों की परेशानी से आराम मिलेगा।

बर्फ के टुकड़े

घमौरियों से राहत पाने के लिए बर्फ का टुकड़ा भी बहुत असरदार है। इसके लिए प्लास्टिक बैग या कपड़े में बर्फ के टुकड़े रखकर इन्हें घमौरियों पर लगाएं। ध्यान रहे बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं। इसे किसी कपड़े या प्लास्टिक में रखकर ही इस्तेमाल करें। 5 से 10 मिनट लगाए रखने के बाद इसे हटा लें। इसे आप दिन में कई बार दोहरा सकते हैं।

घमौरियों से निजात दिलाए एलोवेरा

घमौरियों से निजात दिलाए एलोवेरा 

 

हल्दी की तरह एलोवेरा का भी कई तरह के रोगों में एक आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर उपयोग में लाया जाता है। रोगों के अलावा बालों और स्किन के लिए भी बहुत ही गुणकारी है। विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन से भरपूर एलोवेरा ड्राई स्किन की समस्या को दूर करता है और मुंहासे से निजात दिलाता है। एलोवेरा को हीलिंग पावर के लिए जाना जाता है। घमौरियों से उपचार चाहते हैं तो आप एलोवेरा का जेल या पल्प यानी गूदे को घमौरियों पर लगाएं। आपको जल्द ही आराम मिलेगा।

मुल्तानी मिट्टी

मुल्तानी मिट्टी अपने उत्कृष्ट एक्सफ़ोलीएटिंग गुणों के लिए जाना जाता है। यह तेल-अवशोषित गुणों के लिए बेहद लोकप्रिय है। यह न केवल मुंहासे से लड़ता है, बल्कि आपकी त्वचा को भी साफ करता है। इसका इस्तेमाल आप स्क्रब के रूप में कर सकते हैं जिससे आपको ब्लैकहेड्स से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। यदि आप गर्मियों में होने वाली घमौरियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो मुल्तानी मिट्टी बहुत असरदार है। मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर इस लेप को लगाने से घमौरियों में जल्द राहत मिलेगी।

घमौरियों का उपचार है चंदन

घमौरियों का उपचार है चंदन 

 

चंदन का पाउडर आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर त्वचा के रोगों का इलाज करने के लिए एक समग्र तरीके से इस्तेमाल किया गया है। इसके कई स्वास्थ्य और सौंदर्य लाभ त्वचा पर चकत्ते, दाग, मुंहासे और कई अन्य त्वचा समस्याओं का इलाज कर सकते हैं। यह पिंपल का इलाज करने में सक्षम है। एंटी इंफ्लि मेंट्री गुणों से भरपूर चंदन की लकड़ी में ठंडक पहुंचाने वाले लाभ होते हैं।

घमौरियों की समस्या को दूर करने के लिए चंदन पाउडर और धनिया पाउडर को बराबर मात्रा मिलाकर इसमें गुलाब जल डालकर गाढ़ा लेप तैयार करें। इस लेप को शरीर पर लगाए और कुछ देर के लिए छोड़ दें। फिर इसे ठंडे पानी से धो लें। इससे घमौरियों की जलन की समस्या दूर होगी और त्वचा को ताजगी मिलेगी।

इस लकड़ी के बर्तन में पानी पीकर पाएं अर्थराइटिस और डायबिटीज से छुटकारा

 

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विजयसार (वानस्‍पतिक नाम: Pterocarpus marsupium) मध्य ऊँचाई से लेकर अधिक ऊँचाई वाला वृक्ष है। यह एक पर्णपाती वृक्ष है जिसकी ऊँचाई 30 मीटर तक हो सकती है। यह भारत, नेपाल और श्रीलंका में पाया जाता है। भारत में यह पश्चिमी घाट और मध्य भारत के वनों में पैदा होता है। विजयसार की लकड़ी आपको किसी भी आयुर्वेदिक औषधि की दूकान में मिल जाएगी। इस लकड़ी का रंग हल्‍का या फिर गहरा लाल रंग का होता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो विजयसार की लकड़ी औषधीय गुणों का खजाना है। यह मधुमेह, धातुरोग और गठिया जैसे रोगों के लिए रामबाण है। जिन पहाड़ी क्षेत्रों में ये लकड़ी पाई जाती है वहां इस लकड़ी का ग्‍लास मिलता है, जिसमें पानी पीने से ही कर्इ तरह के रोग दूर हो जाते हैं।

इन रोगों में है लाभदायक

- जोडों के दर्द में लाभ देता है।
- अम्ल-पित्त में भी लाभ देता है।
- प्रमेह (धातु रोग) में भी अचूक है।
- हाथ-पैरों के कंपन्‍न में भी बहुत लाभदायक है।
- मधुमेह को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- उच्च रक्त-चाप को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- इसके नियमित सेवन से जोड़ों की कड़-कड़ बंद होती है अस्थियाँ मजबूत होती है।
- शरीर में बधी हुई चर्बी को कम करके, वजन और मोटापे को भी कम करने में सहायक है।
- त्वचा के कई रोगों, जैसे खाज-खुजली, बार-2 फोडे-फिंसी होते हों, उनमें भी लाभ देता है।

विजयसार के सेवन का तरीका

विजयसार की सूखी लकड़ी लेकर उनके छोटे-छोटे टुकड़े कर दें। फिर आप एक मिट्टी का बर्तन ले और इस लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े लगभग पच्चीस ग्राम रात को एक गिलास पानी में डाल दे। सुबह तक पानी का रंग लाल गहरा हो जाएगा ये पानी आप खाली पेट छानकर पी लें और दुबारा आप उसी लकड़ी को उतने ही पानी में डाल दे शाम को इस पानी को उबाल कर छान ले। अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। अगर आप इसके साथ कोई एलोपैथी दवा ले रहे हैं तो सलाह लेना बहुत जरूरी है। मार्केट में मिलने वाले विजसार की लकड़ी के ग्‍लास में भी पानी रखकर पी सकते हैं।

आयुर्वेद

आयुर्वेद तन, मन और आत्‍मा के बीच संतुलन बनाकर स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करता है। आयुर्वेद में न केवल उपचार होता है बल्कि यह जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता है, जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता है। 

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्‍त और कफ जैसे तीनों मूल तत्‍वों के संतुलन से कोई भी बीमारी आप तक नहीं आ सकती। लेकिन जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो बीमारी शरीर पर हावी होने लगती है और आयुर्वेद में इन्‍हीं तीनों तत्‍वों का संतुलन बनाया जाता है। साथ ही आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर बल दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार का रोग न हो। 

घरेलू उपाय: ये है बूढ़ो को जवान बनाने वाली स्पेशल आयुर्वेदिक दवाई

लोग जवान बने रहने के लिए कई तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं। लेकिन कॉस्मेटिक्स त्वचा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं जिसके कारण समय से पहले ही अधिक उम्र दिखाई देने लगती है दरअसल उम्र पर असली असर खान-पान का पड़ता है कास्मेटिक्स का नहीं। इसीलिए हमेशा जवान बने रहने के लिए जवानी को फिर पाने के लिए या हमेशा जवान बने रहने के लिए आयुर्वेद में अनेक जड़ीबूटियों के नाम हैं जिनसे बुढ़ापा दूर रहता है। 


- ऐन्द्री, ब्राह्मी, आरकाकोली, क्षारपुष्पी, मण्डी, महामुण्डी, शतावरी, विदारीकंद, जीवन्ती, पुनर्नवा, नागबला, शालपर्णी, वचा, छत्रा अतिछत्रा, मेदा, महामेदा और जीवनीय द्रव्यों को दूध के साथ छ: महीने तक सेवन करने से उम्र लंबी होती है और बुढ़ापे के रोग शरीर से दूर रहते हैं। 


- वृद्धों को शक्ति वर्धक चीजें जैसे बादाम किशमिश, सेब, अमरूद, केला, टमाटर लौंग, मुनक्का, आवंला, संतरा, छुआरे, खजूर, अंजीर, अखरोट, घी, दूध, आदि का यथासंभव सेवन करना चाहिए। 


-  ऐसा आहार करना चाहिए जो मीठा व रस युक्त हो। सुबह दूध, दिन के खाने में दाल, चौकर युक्त रोटी, गाय के दूध से लें। रात में गाय के दूध का सेवन करें। 


- सुबह खाली पेट हरड़ खाएं। शाम को दूध जरुर पीएं। रोजाना हरड़ लेते रहने से आंवले का प्रयोग करते रहने से, दूध घी लेते रहने से, आंवले
का प्रयोग करते रहने से भी बुढ़ापा सताएगा नहीं और यौवन हमेशा बना रहेगा।


- रोजाना त्रिफला का सेवन मौसम अनुसार आयुर्वेदिक विधि से करें।


- भृंगराजचूर्ण 1 भाग, आमल की चूर्ण आधा भाग, तिल आधा भाग, इन तीनों को मिलाकर इनमें गुड़ मिलाकर इसका सेवन 10 से 12 ग्राम मात्रा में करें। इस आयुर्वेदिक योग का सेवन बूढ़े को भी जवान बना देगा।

आयुर्वेद – यौन शक्ति बढ़ाने के कुछ सरल घरेलू उपाय

 इस भाग दौड़ और तनाव भरी ज़िन्दगी तथा अनियमति और अनहेल्दी भोजन के कारण पुरुषों में कमजोरी की समस्या आजकल आम है। नपुंसकता, स्वप्नदोष, धातु दोष आदि ऐसी समस्याएं हैं जो वैवाहिक जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करती हैं। असंयमित खान-पान या शरीर में पोषक तत्वों के कारण या अन्य गलत आदतों से पुरुषों को दुर्बलता या कमजोरी की परेशानी होने लगती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं बेहद साधारण घरेलू नुस्खे जिनसे आप इस समस्या से बहुत जल्द छुटकारा पा सकते हैं।

 

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1. आंवला- 2 चम्मच आंवला के रस में एक छोटा चम्मच सूखे आंवले का चूर्ण तथा एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से सेक्स शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती चली जाएगी। इस प्रकार की परेशानी में आंवला बहुत फायदेमंद होता है। अत: प्रतिदिन रात्रि में गिलास में थोड़ा सा हुआ सुखा आंवले का चूर्ण लें और उसमें पानी भर दें। सुबह उठने के बाद इस पानी में हल्दी मिलाएं एवं छानकर पीएं। आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इसके बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले करीब एक चम्मच इस मिश्रित चूर्ण का सेवन करें। इसके बाद थोड़ा सा पानी पीएं। जिन लोगों को अत्याधिक स्वप्नदोष होने की समस्या है, वे प्रतिदिन आंवले का मुरब्बा खाएं।

 

2. सेब-  एक सेब में जितनी हो सके उतनी लौंग लगा दीजिए। इसी तरह का एक अच्छा सा बड़े आकार का नींबू ले लीजिए। इसमें जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके, लौंग लगाकर दोनों फलों को एक सप्ताह तक किसी बर्तन में ढककर रख दीजिए। एक सप्ताह बाद दोनों फलों में से लौंग निकालकर अलग-अलग बोतल में भरकर रख लें। पहले दिन नींबू वाले दो लौंग को बारीक कूटकर बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इस तरह से बदल-बदलकर 40दिनों तक 2-2 लौंग खाएं। यह एक तरह से सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला एक बहुत ही सरल उपाय है।

 

3. अश्वगंधा- अश्वगंधा का चूर्ण, असगंध तथा बिदारीकंद को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। चूर्ण को आधा चम्मच मात्रा में दूध के साथ सुबह और शाम लेना चाहिए। यह मिश्रण वीर्य को ताकतवर बनाकर शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

 

4. सोंठ- 4 ग्राम सोंठ, 4 ग्राम सेमल का गोंद, 2 ग्राम अकरकरा, 28 ग्राम पिप्पली तथा 30 ग्राम काले तिल को एकसाथ मिलाकर तथा कूटकर बारीक चूर्ण बना लें। रात को सोते समय आधा चम्मच चूर्ण लेकर ऊपर से एक गिलास गर्म दूध पी लें। यह रामबाण औषधि शरीर की कमजोरी को दूर करती है और सेक्स शक्ति को बढ़ाती है।

 

5. अजवायन- 100 ग्राम अजवायन को सफेद प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें। सूखने के बाद उसे फिर से प्याज के रस में गीला करके सुखा लें। इस तरह से तीन बार करें। उसके बाद इसे कूटकर किसी बोतल में भरकर रख लें। आधा चम्मच इस चूर्ण को एक चम्मच पिसी हुई मिश्री के साथ मिलाकर खा जाएं। फिर ऊपर से हल्का गर्म दूध पी लें। करीब-करीब एक महीने तक इस मिश्रण का उपयोग करें। इस दौरान संभोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यह सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला सबसे अच्छा उपाय है

 

6. छुहारे- चार-पांच छुहारे, दो-तीन काजू और दो बादाम को 300 ग्राम दूध में खूब अच्छी तरह से उबालकर तथा पकाकर दो चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना रात को सोते समय लेना चाहिए। इससे यौन इच्छा और काम करने की शक्ति बढ़ती है।

 

7. गाजर- 1 किलो गाजर, चीनी 400 ग्राम, खोआ 250  ग्राम, दूध 500 ग्राम, कद्यूकस किया हुआ नारियल 10 ग्राम, किशमिश 10 ग्राम, काजू बारीक कटे हुए 10-15 पीस, एक चांदी का वर्क और 4चम्मच देशी घी ले लें। गाजर को कद्दूकस करके कडा़ही में डालकर पकाएं। पानी के सूख जाने पर इसमें दूध, खोआ और चीनी डाल दें तथा इसे चम्मच से चलाते रहें। जब यह सारा मिश्रण गाढ़ा होने को हो तो इसमें नारियल, किशमिश, बादाम और काजू डाल दें। जब यह गाढ़ा हो जाए तो थाली में देशी घी लगाकर हलवे को थाली पर निकालें और ऊपर से चांदी का वर्क लगा दें। इस हलवे को चार-चार चम्मच सुबह और शाम खाकर ऊपर से दूध पीना चाहिए। यह वीर्यशक्ति बढ़ाकर शरीर को मजबूत रखता है। इससे सेक्स शक्ति भी बढ़ती है।

 

8. इमली- आधा किलो इमली के बीज लेकर उसके दो हिस्से कर दें। इन बीजों को तीन दिनों तक पानी में भिगोकर रख लें। इसके बाद छिलकों को उतारकर बाहर फेंक दें और सफेद बीजों को खरल में डालकर पीसें। फिर इसमें आधा किलो पिसी मिश्री मिलाकर कांच के खुले मुंह वाली एक चौड़ी बोतल में रख लें। आधा चम्मच सुबह और शाम के समय में दूध के साथ लें। इस तरह से यह उपाय वीर्य के जल्दी गिरने के रोग तथा संभोग करने की ताकत में बढ़ोतरी करता है।

 

9. कौंच का बीज- 100 ग्राम कौंच के बीज और 100  ग्राम तालमखाना को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें फिर इसमें 200 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। हल्के गर्म दूध में आधा चम्मच चूर्ण मिलाकर रोजाना इसको पीना चाहिए। इसको पीने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है और नामर्दी दूर होती है।

 

10. चोबचीनी- 100 ग्राम तालमखाने के बीज, 100 ग्राम चोबचीनी, 100 ग्राम ढाक का गोंद, 100 ग्राम मोचरस तथा 250 ग्राम मिश्री को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह के समय एक चम्मच चूर्ण में 4 चम्मच मलाई मिलाकर खाएं। यह मिश्रण यौन रुपी कमजोरी, नामर्दी तथा वीर्य का जल्दी गिरना जैसे रोग को खत्म कर देता है।

 

11. प्याज- आधा चम्मच सफेद प्याज का रस, आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच मिश्री के चूर्ण को मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। यह मिश्रण वीर्यपतन को दूर करने के लिए काफी उपयोगी रहता है।सफेद प्याज के रस को अदरक के रस के साथ मिलाकर शुद्ध शहद तथा देशी घी पांच-पांच ग्राम की मात्रा में लेकर एक साथ मिलाकर सुबह नियम से एक माह तक सेवन करें और लाभ देखें इससे यौन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जाती है।

 

12. ढाक –  ढाक के 100 ग्राम गोंद को तवे पर भून लें। फिर 100 ग्राम तालमखानों को घी के साथ भूनें। उसके बाद दोनों को बारीक काटकर आधा चम्मच सुबह और शाम को दूध के साथ खाना खाने के दो-तीन घंटे पहले ही इसका सेवन करें। इसके कुछ ही दिनों के बाद वीर्य का पतलापन दूर होता है तथा सेक्स क्षमता में बहुत अधिक रुप से वृद्धि होती है।

 

13. जायफल – 15 ग्राम जायफल, 20 ग्राम हिंगुल भस्म, 5 ग्राम अकरकरा और 10 ग्राम केसर को मिलाकर बारीक पीस लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाकर इमामदस्ते में घोटें। उसके बाद चने के बराबर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रोजाना रात को सोने से 2 पहले 2 गोलियां गाढ़े दूध के साथ सेवन करें। इससे शिश्न (लिंग) का ढ़ीलापन दूर होता है तथा नामर्दी दूर हो जाती है।