Sunday, May 6, 2018
फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार
फूड पॉइजनिंग दूषित भोजन के खाने के कारण होने वाली एक बीमारी है। यह आमतौर पर गंभीर बीमारी नहीं है और उपचार के बाद कुछ दिनों के भीतर ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार भी है जिसे बिना किसी नुकसान के इस्तेमाल किया जाता है!सेब का सिरका
प्राकृतिक रूप से सेब का सिरका सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है। इसका सेवन शरीर को बहुत ही लाभ पहुंचाता है। इसमें वजन घटाने, कम कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और मधुमेह के लक्षण को दूर करने जैसे लक्षण शामिल हैं।
फूड पॉइजनिंग के लिए आप एक से दो बड़े सेब का सिरका लीजिए। फिर इसे एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं और उसी समय पी जाइए। इसे दिन में दो से तीन बार पीजिए। सेब के सिरके में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण खाद्यजन्य बैक्टीरिया के लिए बहुत ही प्रभावी है। सेब का सिरका मिनरल्स और एंजाइमों का एक समृद्ध स्रोत है जो शरीर को स्थिर करने में मदद कर सकता है।
नींबू का जूस
शरीर को ठंड़ा रखने और पानी की कमी को पूरा करने के लिए लोग नींबू के जूस का सेवन भरपूर मात्रा में करते हैं। गर्मियों में नींबू पानी पीना हर उम्र के लिए उपयोगी है। नींबू पानी न केवल शरीर के विषाक्त पदार्थ को दूर करके, शरीर को साफ करने में मददगार है। नींबू का रस एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है जो आपके शरीर की समग्र उपचार में सुधार करता है।
इसकी जीवाणुनाशक गतिविधि फूड पॉइजनिंग से लड़ने में बहुत ही सहायता करता है। नींबू का रस भी पाचन में सहायता करता है और आपको तेजी से ठीक होने में मदद करता है। इसके लिए आप आधा नींबू का रस निकालें और इसे एक गिलास पानी के साथ मिलाएं। स्वाद के लिए कुछ शहद मिलाएं और इसका सेवन करें। आप इसे रोजाना 2 से 3 बार पी सकते हैं।
लहसुन
लहसुन न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाता है बल्कि आपकी सेहत में भी लहसुन की एक अहम भूमिका है। नियमित रूप से लहसुन का उपभोग एलिसिन के एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह रक्तचाप और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
लहसुन में शक्तिशाली जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो खाद्यजनित रोगों को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं। इससे दस्त और पेट दर्द से भी छुटकारा पाया जा सकता है। फूड पॉइजनिंग के लिए आप रोज एक कच्चा लहसुन चबाइए। जब तक आपको आराम नहीं मिल जाता तब तक आप लहसुन को चबाइए।
केला
केला फाइबर और पोटेशियम में समृद्ध स्रोत हैं। वे आपके शरीर में खोए पोटेशियम को भर देता हैं, जो बदले में, आपको फिर से ऊर्जा प्रदान करता है और फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप नियमित रूप से केले का सेवन कीजिए।
तुलसी
फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार में तुलसी भी शामिल है। तुलसी धार्मिक, आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक महत्व की दृष्टि से विलक्षण पौधा है, जिसका इस्तेमाल हर किसी के घर में किया जाता है। फूड पॉइजनिंग के लिए तुलसी के पत्ते को पीस लें और उसका रस निकाल लें। आप एक चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाइए और उसका तत्काल उसका सेवन कीजिए। इसके अलावा आप एक कप पानी में एक बूंद में तुलसी मिलाइए और इसका सेवन कीजिए।
दालचीनी फेस पैक त्वचा में लाए चमक
आप मुंहासे को हटाने वाले क्रीम और मलहम पर पैसा खर्च करने से थक चुके हैं और वांछित परिणाम प्राप्त करने में विफल हो रहे हैं, तो कुछ समय के लिए घरेलू उपायों पर ध्यान देना चाहिए। कई लाभों को ध्यान में रखते हुए आज घरेलू और प्राकृतिक उपचार लोगों के बीच अधिक से अधिक लोकप्रिय हो रहा है। आपको बता दें दालचीनी अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए व्यापक रूप से जाना जाता हैं। हालांकि, केवल कुछ ही लोग जानते हैं कि दालचीनी पाउडर आपकी त्वचा के लिए लाभप्रद भी हो सकता है।
त्वचा के लिए दालचीनी का फेस पैक
1. इसके लिए आप नींबू के रस में थोड़ा दालचीनी पाउडर मिलाएं। यह मुंहासे को दूर करने का एक शानदार उपाय और एक प्रभावी समाधान है।
2. इसके अलावा शहद और दालचीनी का मिश्रण त्वचा की खुजली समस्याओं और उपचार के लिए अत्यधिक प्रभावी है।
3. यदि आपको ब्लैकहैड की समस्या है तो उपचार के लिए आप ताते नींबू के रस की कुछ बूंदों और चुटकीभर दालचीनी पाउडर को मिलाएं
आपको प्रभावी परिणाम मिलेंगे।
4. एक टेबल स्पून शहद लीजिए और उसमें एक टी-स्पून दालचीने मिलाएं और चेहरे पर लगाए। चेहरे पर चमक आएगी।
5. दालचीनी चेहरे और शरीर पर मुंहासे की समस्या से छुटकारा पाने में मदद करता है। यह बाहरी त्वचा की सतह पर रक्त और ऑक्सीजन लाने में मदद करता है। आप प्रभावित क्षेत्रों पर शहद का पेस्ट लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दे आपको फायदा मिलेगा।
6. दालचीनी त्वचा को मृत त्वचा की कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है और त्वचा को चमकीला और मुलायम लाने में मदद करता है। स्किन ड्राईनेस से लड़ने के लिए आप समुद्री नमक, बादाम का तेल, जैतून का तेल, शहद और दालचीनी को मिलाएं और त्वचा पर स्क्रब करें।
7. एंटिफंगल और जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर दालचीनी रंग को बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आप केला, दही, दालचीनी, और नींबू का रस को मिलाकर चिकना पेस्ट बनाएं। फिर इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद चेहरे को धो लें।
8. दालचीनी ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और ऑक्सीजन और रक्त को त्वचा की बाहरी सतह पर लाता है। इसके लिए आप दालचीनी के तेल की दो बूंदे और पेट्रोलियम जेली को मिलाकर घरेलू उपाय तैयार करें और आंख के क्षेत्र को बचाते हिए पूरे चेहरे लगाएं।
दालचीनी के फायदे
1. दालचीनी में पोलीफेनॉल नाम का एंटीऑक्सिंडेंट होता है जो इसे सुपरफूड का दर्जा दिलाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी है जो गंभीर सूजन की समस्या को रोकता है।
2. दालचीनी खून में ग्लूकोज के स्तर को सामान्य बनाने में सहायक साबित होता है। इसके अलावा यह ब्लड शुगर को सुधार करने में मदद करता है।
3. दालचीनी खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। इसकी वजह से संक्रामक रोगों का खतरा कम हो जाता है। दालचीनी वायरस को दूर कर सकता है जिसकी वजह से फ्लू और सर्दी होता है। यह खराब बैक्टीरिया के विकास भी रोकता है।
4. इसे खाने से बॉडी में खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्रि ग्लीसेराइड्स का स्तर कम होता है। इसकी वजह से उच्च वसायुक्त भोजन का प्रभाव कम हो जाता है।
5. दालचीनी वसा को तोड़ने में मदद करता है और इस प्रकार यह पाचन में सहायता करता है। इसके अलावा, शहद और दालचीनी का संयोजन भी पेट के अल्सर को ठीक करने और गैस से राहत देने में मदद करता है।
धूप से झुलसे चेहरे का उपचार
गर्मियों में एक समस्या जिसका सामना हर किसी को करना पड़ता है वह धूप से झुलसे चेहरे। इसका असर हमारे स्किन पर साफ तौर पर दिखाई देता है। अगर आप इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए कुछ उपचारों पर आपको ध्यान देना होगा।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह स्वाभाविक रूप से क्षारीय होता है, इसलिए अम्ल सम्बंधित रोगों के लिए इसका इस्तेमाल बहुत ही व्यापक रूप से किया जाता है। धूप से झुलसे चेहरे का उपचार के लिए आप बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कर सकते हैं। सनबर्न के लिए एकदम सही घरेलू उपचार है।
इसके लिए आप एक कप बेकिंग सोडा में एक चौथाई कप पानी मिलाकर उसे अच्छी तरह से मिक्स और 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद आप नहा लीजिए और टावल से अपने शरीर को पोछ लीजिए। फिर इस पेस्ट को स्किन के प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। फिर इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें और ठंड़े पानी से धो लीजिए।
सेब का सिरका
खाने के स्वाद को बढ़ाने वाला सेब के सिरके का इस्तेमाल कई घरों में किया जाता है। सेब के सिरके में कई गुण होते हैं, जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। उन्हीं गुणों में एक गुण है सनबर्न का उपचार। सिरका, विशेष रूप से सेब साइडर सिरका, त्वचा के पीएच स्तर को सामान्य करने और उपचार की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए जाना जाता है।
इसके लिए आप स्प्रे बोतल में सेब के सिरके को भर लीजिए और उसे स्किन प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। आपको बहुत ही फायदा मिलेगा। अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है तो आप इसमें पानी भी मिला सकते हैं।
खीरा
स्वास्थ्यवर्द्धक और सौन्दर्यवर्द्धक गुणों से भरपूर खीरा एक ऐसा खाद्द पदार्थ है जिसका उत्पादन लगभग पूरे भारत में किया जाता है। खीरा शरीर को शीतलता और ताजगी प्रदान करता है। इसको आप कई तरह से खा सकते हैं, जैसे- सलाद, सैंडवीच, या यूं ही नमक छिड़क कर भी खा सकते हैं।
आपने तो अपनी आंखों पर खीरा लगाने की लोकप्रिय प्रथा को भी देखा होगा। अगर इसके सौन्दर्य लाभ की बात करे तो यह सनबर्न हटाने के उपाय के तौर पर काम करता है। इसके लिए आप एक खीरे को अच्छी तरह मैशड कर लीजिए और इसके मास्क को स्किन के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इसे धोने से पहले 20 मिनट के लिए छोड़ दीजिए। आपको असर साफ तौर पर दिखाई देगा। आप इसे दिन में कई बार लगा सकते हैं।
एलोवेरा
आयुर्वेद में एलोवेरा को संजीवनी कहा गया है। यह त्वेचा की देखभाल में बहुत ही सहायता करता है। यह धूप की कालिमा घरेलू उपचार है। इसके अलावा यह व्यापक रूप से सनबर्न को दूर करने और घावों को ठीक करने के लिए जाना जाता है। जेल आमतौर पर कच्चे रूप में और सीधे प्रभावित त्वचा पर लगाया जाता है।
इसके लिए आप एलोवेरा के पत्तों से फ्रेश एलोवेरा जेल निकाल लें और उसे आधे घंटे के लिए फ्रीज में रख दें। फिर प्रभावित स्किन इसे लगाएं और एक घंटे बाद इसे ठंड़े पानी से धो लीजिए।
वजन बढ़ाने का आयुर्वेदिक तरीका
डाइट में सोयाबीन को करें शामिल
अपनी डाइट में आप सोयाबीन को शामिल कीजिए। यदि आप एक शाकाहारी प्रोटीन के अच्छे स्रोतों की तलाश में हैं तो सोया सही है। सोया प्रोटीन में उच्च है। प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह हमारे आहार का अहम हिस्सा बन चुका है। वैसे सोयाबीन को हम सभी अलग-अलग रूप में अपनी डाइट में शामिल करते हैं। किसी को यह सब्जी की तरह पसंद है, तो कोई इसे दूध की तरह अपनी डाइट में शामिल करता है।फलों का सेवन

वजन बढ़ाने का आयुर्वेदिक तरीका में फलों का सेवन भी शामिल है। आप नियमित रूप से फलों और फलों के जूस का सेवन कीजिए। यदि संभव हो तो हर दिन या सप्ताह में कम से कम तीन बार फलों का सेवन कीजिए। फाइबर में समृद्ध फल पाचन तंत्र के कामकाज में सुधार करने में भी मदद करता हैं।
अपने वजन को बढ़ाएं
अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं तो अपनी डाइट में दही, घी, दूध, गन्ना, चावल, काला चना और गेहूं शामिल करें। स्वस्थ तरीके से वजन हासिल करने के लिए ये सबसे अच्छा तरीका है।वजन बढ़ाने के लिए नियमित रूप से करें व्यायाम

एक्सरसाइज करने से हमें सारा दिन ताजगी महसूस रहती है और हमारी हड्डियों को मजबूत बनाया जा सकता है। यदि हम रोज सुबह व्यायाम करना शुरू कर दें, तो हमें इसकी अदात पड दाती है, जिससे किसी तरह की व्यायाम करने में दिक्कत नहीं होती।
वजन प्राप्त करने का मतलब यह नहीं है कि आपको व्यायाम करने की ज़रूरत नहीं है। हेल्दी तरीके से वजन को बढ़ाने के लिए आपको नियमित रूप से व्यायाम करने की जरूरत है। व्यायाम करने से बॉडी फूड को मेटाबॉलाइज कर पाएगा। साथ ही आपको भूख भी लगेगी जिससे आपका वजन बढ़ सकता है।
अपने आहार में मसाले को करें शामिल
आप अपने आहार में दालचीनी, लहसुन, अदरक, इलायची, लौंग और काली मिर्च जैसे मसालों को शामिल कीजिए। ये आपकी भूख को उत्तेजित करने में मदद करती है।हल्दी दूध भी है फायदेमंद
आयुर्वेद में नींद का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए यदि आप अपने वजन को बढ़ाना चाहते हैं, तो रात में अच्छी तरह से सोएं। आप सात से आठ घंटे की नींद लीजिए। बिस्तर पर जाने से पहले मोबाइल फोन या लैपटॉप से दूरी बनाकर रखिए। आप अच्छी नींद के लिए एक चुटकी हल्दी के साथ गाय का दूध पीजिए। इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है, हल्दीे दूध कई रोगों के साथ दर्द से तुरंत आराम देता है।सामान्य गति से आहार का सेवन
ज्यादातर लोग आहार का सेवन तेज या स्लो गति से करते हैं। अगर आप सामान्य गति से आहार का सेवन करते हैं, तो इससे वजन बढ़ाने में सहायता मिलती है। एक सामान्य गति से भोजन करने से लार ग्रंथियों का निर्माण होता है, जो पाचन में सहायता करता है।घमौरियों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय
घमौरियों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय
गर्मियों में घमौरियों की समस्या आप है। इससे वह लोग ज्यादा परेशान होते हैं जिन्हें पसीने आते हैं। घमौरियों की वजह से हमें जलन और खुजली भी बहुत होती है जिससे हम दिन हो या रात हमेशा परेशान रहते हैं। आज हम घमौरियों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में बात करेंगे जो आपकी तकलीफ से छुटकारा दिलाने में सहायता करेगा।
घमौरियों से छुटकारा दे हल्दी
आयुर्वेद में हल्दी का बहुत ही महत्व है। हल्दी में शक्तिशाली औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कई तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए कारगर है। यह एक करक्यूमिन प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी कम्पाउंड है जो सूजन को कम करने में सहायक है। अगर आप घमौरियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपके लिए हल्दी एक आयुर्वेदिक उपाय है।
घमौरियों के लिए नमक, हल्दी और मेथी को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। नहाने से पहले इस उबटन को पूरे शरीर पर साबुन की तरह लगाएं और 5 मिनट बाद नहा लें। हल्दी में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। इससे घमौरियों की परेशानी से आराम मिलेगा।
बर्फ के टुकड़े
घमौरियों से राहत पाने के लिए बर्फ का टुकड़ा भी बहुत असरदार है। इसके लिए प्लास्टिक बैग या कपड़े में बर्फ के टुकड़े रखकर इन्हें घमौरियों पर लगाएं। ध्यान रहे बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं। इसे किसी कपड़े या प्लास्टिक में रखकर ही इस्तेमाल करें। 5 से 10 मिनट लगाए रखने के बाद इसे हटा लें। इसे आप दिन में कई बार दोहरा सकते हैं।
घमौरियों से निजात दिलाए एलोवेरा
हल्दी की तरह एलोवेरा का भी कई तरह के रोगों में एक आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर उपयोग में लाया जाता है। रोगों के अलावा बालों और स्किन के लिए भी बहुत ही गुणकारी है। विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन से भरपूर एलोवेरा ड्राई स्किन की समस्या को दूर करता है और मुंहासे से निजात दिलाता है। एलोवेरा को हीलिंग पावर के लिए जाना जाता है। घमौरियों से उपचार चाहते हैं तो आप एलोवेरा का जेल या पल्प यानी गूदे को घमौरियों पर लगाएं। आपको जल्द ही आराम मिलेगा।
मुल्तानी मिट्टी
मुल्तानी मिट्टी अपने उत्कृष्ट एक्सफ़ोलीएटिंग गुणों के लिए जाना जाता है। यह तेल-अवशोषित गुणों के लिए बेहद लोकप्रिय है। यह न केवल मुंहासे से लड़ता है, बल्कि आपकी त्वचा को भी साफ करता है। इसका इस्तेमाल आप स्क्रब के रूप में कर सकते हैं जिससे आपको ब्लैकहेड्स से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। यदि आप गर्मियों में होने वाली घमौरियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो मुल्तानी मिट्टी बहुत असरदार है। मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर इस लेप को लगाने से घमौरियों में जल्द राहत मिलेगी।
घमौरियों का उपचार है चंदन
चंदन का पाउडर आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर त्वचा के रोगों का इलाज करने के लिए एक समग्र तरीके से इस्तेमाल किया गया है। इसके कई स्वास्थ्य और सौंदर्य लाभ त्वचा पर चकत्ते, दाग, मुंहासे और कई अन्य त्वचा समस्याओं का इलाज कर सकते हैं। यह पिंपल का इलाज करने में सक्षम है। एंटी इंफ्लि मेंट्री गुणों से भरपूर चंदन की लकड़ी में ठंडक पहुंचाने वाले लाभ होते हैं।
घमौरियों की समस्या को दूर करने के लिए चंदन पाउडर और धनिया पाउडर को बराबर मात्रा मिलाकर इसमें गुलाब जल डालकर गाढ़ा लेप तैयार करें। इस लेप को शरीर पर लगाए और कुछ देर के लिए छोड़ दें। फिर इसे ठंडे पानी से धो लें। इससे घमौरियों की जलन की समस्या दूर होगी और त्वचा को ताजगी मिलेगी।
इस लकड़ी के बर्तन में पानी पीकर पाएं अर्थराइटिस और डायबिटीज से छुटकारा
विजयसार (वानस्पतिक नाम: Pterocarpus marsupium) मध्य ऊँचाई से लेकर अधिक ऊँचाई वाला वृक्ष है। यह एक पर्णपाती वृक्ष है जिसकी ऊँचाई 30 मीटर तक हो सकती है। यह भारत, नेपाल और श्रीलंका में पाया जाता है। भारत में यह पश्चिमी घाट और मध्य भारत के वनों में पैदा होता है। विजयसार की लकड़ी आपको किसी भी आयुर्वेदिक औषधि की दूकान में मिल जाएगी। इस लकड़ी का रंग हल्का या फिर गहरा लाल रंग का होता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो विजयसार की लकड़ी औषधीय गुणों का खजाना है। यह मधुमेह, धातुरोग और गठिया जैसे रोगों के लिए रामबाण है। जिन पहाड़ी क्षेत्रों में ये लकड़ी पाई जाती है वहां इस लकड़ी का ग्लास मिलता है, जिसमें पानी पीने से ही कर्इ तरह के रोग दूर हो जाते हैं।
इन रोगों में है लाभदायक
- जोडों के दर्द में लाभ देता है।
- अम्ल-पित्त में भी लाभ देता है।
- प्रमेह (धातु रोग) में भी अचूक है।
- हाथ-पैरों के कंपन्न में भी बहुत लाभदायक है।
- मधुमेह को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- उच्च रक्त-चाप को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- इसके नियमित सेवन से जोड़ों की कड़-कड़ बंद होती है अस्थियाँ मजबूत होती है।
- शरीर में बधी हुई चर्बी को कम करके, वजन और मोटापे को भी कम करने में सहायक है।
- त्वचा के कई रोगों, जैसे खाज-खुजली, बार-2 फोडे-फिंसी होते हों, उनमें भी लाभ देता है।
विजयसार के सेवन का तरीका
विजयसार की सूखी लकड़ी लेकर उनके
छोटे-छोटे टुकड़े कर दें। फिर आप एक मिट्टी का बर्तन ले और इस लकड़ी के
छोटे छोटे टुकड़े लगभग पच्चीस ग्राम रात को एक गिलास पानी में डाल दे। सुबह
तक पानी का रंग लाल गहरा हो जाएगा ये पानी आप खाली पेट छानकर पी लें और
दुबारा आप उसी लकड़ी को उतने ही पानी में डाल दे शाम को इस पानी को उबाल कर
छान ले। अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की
सलाह जरूर लें। अगर आप इसके साथ कोई एलोपैथी दवा ले रहे हैं तो सलाह लेना
बहुत जरूरी है। मार्केट में मिलने वाले विजसार की लकड़ी के ग्लास में भी
पानी रखकर पी सकते हैं।
इन रोगों में है लाभदायक
- जोडों के दर्द में लाभ देता है।
- अम्ल-पित्त में भी लाभ देता है।
- प्रमेह (धातु रोग) में भी अचूक है।
- हाथ-पैरों के कंपन्न में भी बहुत लाभदायक है।
- मधुमेह को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- उच्च रक्त-चाप को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- इसके नियमित सेवन से जोड़ों की कड़-कड़ बंद होती है अस्थियाँ मजबूत होती है।
- शरीर में बधी हुई चर्बी को कम करके, वजन और मोटापे को भी कम करने में सहायक है।
- त्वचा के कई रोगों, जैसे खाज-खुजली, बार-2 फोडे-फिंसी होते हों, उनमें भी लाभ देता है।
- अम्ल-पित्त में भी लाभ देता है।
- प्रमेह (धातु रोग) में भी अचूक है।
- हाथ-पैरों के कंपन्न में भी बहुत लाभदायक है।
- मधुमेह को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- उच्च रक्त-चाप को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- इसके नियमित सेवन से जोड़ों की कड़-कड़ बंद होती है अस्थियाँ मजबूत होती है।
- शरीर में बधी हुई चर्बी को कम करके, वजन और मोटापे को भी कम करने में सहायक है।
- त्वचा के कई रोगों, जैसे खाज-खुजली, बार-2 फोडे-फिंसी होते हों, उनमें भी लाभ देता है।
विजयसार के सेवन का तरीका
विजयसार की सूखी लकड़ी लेकर उनके
छोटे-छोटे टुकड़े कर दें। फिर आप एक मिट्टी का बर्तन ले और इस लकड़ी के
छोटे छोटे टुकड़े लगभग पच्चीस ग्राम रात को एक गिलास पानी में डाल दे। सुबह
तक पानी का रंग लाल गहरा हो जाएगा ये पानी आप खाली पेट छानकर पी लें और
दुबारा आप उसी लकड़ी को उतने ही पानी में डाल दे शाम को इस पानी को उबाल कर
छान ले। अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की
सलाह जरूर लें। अगर आप इसके साथ कोई एलोपैथी दवा ले रहे हैं तो सलाह लेना
बहुत जरूरी है। मार्केट में मिलने वाले विजसार की लकड़ी के ग्लास में भी
पानी रखकर पी सकते हैं।
आयुर्वेद
आयुर्वेद तन, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थ्य में सुधार करता है। आयुर्वेद में न केवल उपचार होता है बल्कि यह जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता है, जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता है।
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे तीनों मूल तत्वों के संतुलन से कोई भी बीमारी आप तक नहीं आ सकती। लेकिन जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो बीमारी शरीर पर हावी होने लगती है और आयुर्वेद में इन्हीं तीनों तत्वों का संतुलन बनाया जाता है। साथ ही आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर बल दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार का रोग न हो।
घरेलू उपाय: ये है बूढ़ो को जवान बनाने वाली स्पेशल आयुर्वेदिक दवाई
लोग जवान बने रहने के लिए कई तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं। लेकिन कॉस्मेटिक्स त्वचा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं जिसके कारण समय से पहले ही अधिक उम्र दिखाई देने लगती है दरअसल उम्र पर असली असर खान-पान का पड़ता है कास्मेटिक्स का नहीं। इसीलिए हमेशा जवान बने रहने के लिए जवानी को फिर पाने के लिए या हमेशा जवान बने रहने के लिए आयुर्वेद में अनेक जड़ीबूटियों के नाम हैं जिनसे बुढ़ापा दूर रहता है।
- ऐन्द्री,
ब्राह्मी, आरकाकोली, क्षारपुष्पी, मण्डी, महामुण्डी, शतावरी, विदारीकंद,
जीवन्ती, पुनर्नवा, नागबला, शालपर्णी, वचा, छत्रा अतिछत्रा, मेदा, महामेदा
और जीवनीय द्रव्यों को दूध के साथ छ: महीने तक सेवन करने से उम्र लंबी होती
है और बुढ़ापे के रोग शरीर से दूर रहते हैं।
- वृद्धों को शक्ति वर्धक
चीजें जैसे बादाम किशमिश, सेब, अमरूद, केला, टमाटर लौंग, मुनक्का, आवंला,
संतरा, छुआरे, खजूर, अंजीर, अखरोट, घी, दूध, आदि का यथासंभव सेवन करना
चाहिए।
- ऐसा आहार करना चाहिए जो मीठा व रस युक्त हो। सुबह दूध, दिन
के खाने में दाल, चौकर युक्त रोटी, गाय के दूध से लें। रात में गाय के दूध
का सेवन करें।
- सुबह खाली पेट हरड़ खाएं। शाम को दूध जरुर पीएं।
रोजाना हरड़ लेते रहने से आंवले का प्रयोग करते रहने से, दूध घी लेते रहने
से, आंवले
का प्रयोग करते रहने से भी बुढ़ापा सताएगा नहीं और यौवन हमेशा बना रहेगा।
- रोजाना त्रिफला का सेवन मौसम अनुसार आयुर्वेदिक विधि से करें।
-
भृंगराजचूर्ण 1 भाग, आमल की चूर्ण आधा भाग, तिल आधा भाग, इन तीनों को
मिलाकर इनमें गुड़ मिलाकर इसका सेवन 10 से 12 ग्राम मात्रा में करें। इस
आयुर्वेदिक योग का सेवन बूढ़े को भी जवान बना देगा।
आयुर्वेद – यौन शक्ति बढ़ाने के कुछ सरल घरेलू उपाय
इस भाग दौड़ और तनाव भरी ज़िन्दगी तथा अनियमति और अनहेल्दी भोजन के कारण पुरुषों में कमजोरी की समस्या आजकल आम है। नपुंसकता, स्वप्नदोष, धातु दोष आदि ऐसी समस्याएं हैं जो वैवाहिक जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करती हैं। असंयमित खान-पान या शरीर में पोषक तत्वों के कारण या अन्य गलत आदतों से पुरुषों को दुर्बलता या कमजोरी की परेशानी होने लगती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं बेहद साधारण घरेलू नुस्खे जिनसे आप इस समस्या से बहुत जल्द छुटकारा पा सकते हैं।
1. आंवला- 2 चम्मच आंवला के रस में एक छोटा चम्मच सूखे आंवले का चूर्ण तथा एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से सेक्स शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती चली जाएगी। इस प्रकार की परेशानी में आंवला बहुत फायदेमंद होता है। अत: प्रतिदिन रात्रि में गिलास में थोड़ा सा हुआ सुखा आंवले का चूर्ण लें और उसमें पानी भर दें। सुबह उठने के बाद इस पानी में हल्दी मिलाएं एवं छानकर पीएं। आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इसके बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले करीब एक चम्मच इस मिश्रित चूर्ण का सेवन करें। इसके बाद थोड़ा सा पानी पीएं। जिन लोगों को अत्याधिक स्वप्नदोष होने की समस्या है, वे प्रतिदिन आंवले का मुरब्बा खाएं।
2. सेब- एक सेब में जितनी हो सके उतनी लौंग लगा दीजिए। इसी तरह का एक अच्छा सा बड़े आकार का नींबू ले लीजिए। इसमें जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके, लौंग लगाकर दोनों फलों को एक सप्ताह तक किसी बर्तन में ढककर रख दीजिए। एक सप्ताह बाद दोनों फलों में से लौंग निकालकर अलग-अलग बोतल में भरकर रख लें। पहले दिन नींबू वाले दो लौंग को बारीक कूटकर बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इस तरह से बदल-बदलकर 40दिनों तक 2-2 लौंग खाएं। यह एक तरह से सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला एक बहुत ही सरल उपाय है।
3. अश्वगंधा- अश्वगंधा का चूर्ण, असगंध तथा बिदारीकंद को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। चूर्ण को आधा चम्मच मात्रा में दूध के साथ सुबह और शाम लेना चाहिए। यह मिश्रण वीर्य को ताकतवर बनाकर शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
4. सोंठ- 4 ग्राम सोंठ, 4 ग्राम सेमल का गोंद, 2 ग्राम अकरकरा, 28 ग्राम पिप्पली तथा 30 ग्राम काले तिल को एकसाथ मिलाकर तथा कूटकर बारीक चूर्ण बना लें। रात को सोते समय आधा चम्मच चूर्ण लेकर ऊपर से एक गिलास गर्म दूध पी लें। यह रामबाण औषधि शरीर की कमजोरी को दूर करती है और सेक्स शक्ति को बढ़ाती है।
5. अजवायन- 100 ग्राम अजवायन को सफेद प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें। सूखने के बाद उसे फिर से प्याज के रस में गीला करके सुखा लें। इस तरह से तीन बार करें। उसके बाद इसे कूटकर किसी बोतल में भरकर रख लें। आधा चम्मच इस चूर्ण को एक चम्मच पिसी हुई मिश्री के साथ मिलाकर खा जाएं। फिर ऊपर से हल्का गर्म दूध पी लें। करीब-करीब एक महीने तक इस मिश्रण का उपयोग करें। इस दौरान संभोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यह सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला सबसे अच्छा उपाय है
6. छुहारे- चार-पांच छुहारे, दो-तीन काजू और दो बादाम को 300 ग्राम दूध में खूब अच्छी तरह से उबालकर तथा पकाकर दो चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना रात को सोते समय लेना चाहिए। इससे यौन इच्छा और काम करने की शक्ति बढ़ती है।
7. गाजर- 1 किलो गाजर, चीनी 400 ग्राम, खोआ 250 ग्राम, दूध 500 ग्राम, कद्यूकस किया हुआ नारियल 10 ग्राम, किशमिश 10 ग्राम, काजू बारीक कटे हुए 10-15 पीस, एक चांदी का वर्क और 4चम्मच देशी घी ले लें। गाजर को कद्दूकस करके कडा़ही में डालकर पकाएं। पानी के सूख जाने पर इसमें दूध, खोआ और चीनी डाल दें तथा इसे चम्मच से चलाते रहें। जब यह सारा मिश्रण गाढ़ा होने को हो तो इसमें नारियल, किशमिश, बादाम और काजू डाल दें। जब यह गाढ़ा हो जाए तो थाली में देशी घी लगाकर हलवे को थाली पर निकालें और ऊपर से चांदी का वर्क लगा दें। इस हलवे को चार-चार चम्मच सुबह और शाम खाकर ऊपर से दूध पीना चाहिए। यह वीर्यशक्ति बढ़ाकर शरीर को मजबूत रखता है। इससे सेक्स शक्ति भी बढ़ती है।
8. इमली- आधा किलो इमली के बीज लेकर उसके दो हिस्से कर दें। इन बीजों को तीन दिनों तक पानी में भिगोकर रख लें। इसके बाद छिलकों को उतारकर बाहर फेंक दें और सफेद बीजों को खरल में डालकर पीसें। फिर इसमें आधा किलो पिसी मिश्री मिलाकर कांच के खुले मुंह वाली एक चौड़ी बोतल में रख लें। आधा चम्मच सुबह और शाम के समय में दूध के साथ लें। इस तरह से यह उपाय वीर्य के जल्दी गिरने के रोग तथा संभोग करने की ताकत में बढ़ोतरी करता है।
9. कौंच का बीज- 100 ग्राम कौंच के बीज और 100 ग्राम तालमखाना को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें फिर इसमें 200 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। हल्के गर्म दूध में आधा चम्मच चूर्ण मिलाकर रोजाना इसको पीना चाहिए। इसको पीने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है और नामर्दी दूर होती है।
10. चोबचीनी- 100 ग्राम तालमखाने के बीज, 100 ग्राम चोबचीनी, 100 ग्राम ढाक का गोंद, 100 ग्राम मोचरस तथा 250 ग्राम मिश्री को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह के समय एक चम्मच चूर्ण में 4 चम्मच मलाई मिलाकर खाएं। यह मिश्रण यौन रुपी कमजोरी, नामर्दी तथा वीर्य का जल्दी गिरना जैसे रोग को खत्म कर देता है।
11. प्याज- आधा चम्मच सफेद प्याज का रस, आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच मिश्री के चूर्ण को मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। यह मिश्रण वीर्यपतन को दूर करने के लिए काफी उपयोगी रहता है।सफेद प्याज के रस को अदरक के रस के साथ मिलाकर शुद्ध शहद तथा देशी घी पांच-पांच ग्राम की मात्रा में लेकर एक साथ मिलाकर सुबह नियम से एक माह तक सेवन करें और लाभ देखें इससे यौन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जाती है।
12. ढाक – ढाक के 100 ग्राम गोंद को तवे पर भून लें। फिर 100 ग्राम तालमखानों को घी के साथ भूनें। उसके बाद दोनों को बारीक काटकर आधा चम्मच सुबह और शाम को दूध के साथ खाना खाने के दो-तीन घंटे पहले ही इसका सेवन करें। इसके कुछ ही दिनों के बाद वीर्य का पतलापन दूर होता है तथा सेक्स क्षमता में बहुत अधिक रुप से वृद्धि होती है।
13. जायफल – 15 ग्राम जायफल, 20 ग्राम हिंगुल भस्म, 5 ग्राम अकरकरा और 10 ग्राम केसर को मिलाकर बारीक पीस लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाकर इमामदस्ते में घोटें। उसके बाद चने के बराबर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रोजाना रात को सोने से 2 पहले 2 गोलियां गाढ़े दूध के साथ सेवन करें। इससे शिश्न (लिंग) का ढ़ीलापन दूर होता है तथा नामर्दी दूर हो जाती है।
अनिद्रा का उपचार
सामान्य उपचार
नींद आने की समस्या से निजात पाने के लिए अकसर लोग नींद की गोलियों का सेवन करते हैं जो सही चीज नहीं मानी जाती। नींद ना आने (Sleep Disorder) की एक मुख्य वजह तनाव भी हो सकता है। अच्छी नींद पाने के लिए कुछ उपाय निम्न हैं:
अनिद्रा रोकने के उपाय (Remedies and Treatment of Insomnia)
शारीरिक परिश्रम शरीर को थकाता है और आराम की जरूरत बढ़ाता है। अतः नियमित खेलकूद या टहलना हमारे लिए लाभदायक है, इससे शरीर चुस्त रहता है और थकान होने के कारण नींद अच्छी आती है।
बिस्तर एवं शयन कक्ष आरामदायक हो, बहुत ठंडा या गरम न हो। इस बात का ध्यान रखें कि गद्दा आपके लिए उपयुक्त हो।
सोने से पहले धीमा संगीत भी शरीर को आराम देता है और सोने में मदद देता है।
सोते समय सिर के नीचे छोटा तकिया रखें। एक तकिया अपने घुटनों के नीचे और दूसरा अपने घुटने और जांघ के बीच रखें। इससे शरीर का वजन निचले हिस्से की ओर आएगा और आप आराम से सो सकेंगे।
सोने से एक घंटा पहले कमरे की लाइट हल्की कर लें।
सोते समय अच्छी और सकारात्मक बातें सोचें।
रात में सोने से पहले दूध पिएं, जिससे अच्छी नींद आएगी। चाय-कॉफी की मात्रा को सीमित करें और दिन भर में दो-तीन बार से ज्यादा इनका सेवन न करें।
समय पर सोने और जागने की आदत डालें।
अच्छे दोस्त बनाएं। अकेलेपन से दूर रहें।
यदि कोई चीज़ आपको परेशान कर रही है और आप उसके बारे में सही तरीके से नहीं सोच पा रहे हों तो अपनी समस्या को सोने से पहले कागज़ पर लिख लें और स्वयं से कहें कि कल आप इस समस्या से निपटेंगे।
अगर आप सो नहीं पाते हैं तो उठ जाएं और कुछ ऐसा करें जिससे आपको हल्का महसूस हो, जैसे – पढ़ना, टीवी देखना या हल्का संगीत सुनना और जब आप थकान महसूस करें तो फिर से सोने जाएं।
बालों को काला करने के आयुर्वेदिक टिप्स
बालों को प्राकृतिक रूप से काला करने के लिये आयुर्वेद में उपायों का खजाना है. काले-घने और लंबे बालों का राज है बालों की जड़ों को मिलने वाला पोषण। बालों को पोषण कलर, डाई या शैंपू से नहीं बल्कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों (Ayurvedic Herbs) वाले से धोने या आयुर्वेदिक तेल (Ayurvedic Oils) लगाने से मिलता है।
आइए जानते हैं, कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जिसे इस्तेमाल करने से बाल न सिर्फ काला होता है बल्कि उनमें कुदरती चमक भी आती है। साथ ही, बालों का झड़ना-गिरना (Hair Fall) भी बंद हो जाता है।
आंवला पाउडर (Amala Powder)
आंवले के पाउडर को लोहे के काले रंग के बर्तन में एक दिन तक रखिए और दूसरे दिन सुबह इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को पूरे एक हफ्ते तक पानी मिला कर लोहे बर्तन में रखना है। हफ्ते भर में यह पेस्ट बिल्कुल काला हो जाएगा। जब यह पेस्ट पूरी तरह काला हो जाए तो इसे डाई की तरह बालों में लगाएं। इस विधि को दो-तीन बार अलग-अलग दिन पर आजमाए। बालों में कुदरती काला रंग आने लगेगा (white hair turn to black hair)
शिकाकाई (Shikakai)
शिकाकाई और सूखे आंवले लेकर को अच्छी तरह से कूट ले। दोनों के टुकड़ों को रात भर पानी में भिगों कर रखें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे बालों की मालिश करें। मालिश करने के आधा घंटा बाद बाद नहा लें। बालों के सूखने पर नारियल का तेल लगायें। ऐसा करने से बाल काले, लंबे, मुलायम और चमकदार होते हैं। खास बात यह है कि शिकाकाई और आंवले से बाल कभी सफेद नहीं होते व जिनके बाल सफेद हों तो वे भी काले हो जाते हैं.
नारियल व जैतून का तेल और नींबू का रस (Coconut Oil, Olive Oil and Lemon Juice)
नारियल के तेल और जैतून के तेल (ऑलिव ऑयल) की बराबर मात्रा लेकर इसमें नींबू की कुछ बूंदे मिला कर बालों की मालिश करें। मालिश के बाद फिर गर्म तौलिए से सिर को तीन मिनट के लिए ढकें। ऐसा करने से बालों का झड़ना (hair fall) बंद होता है और बाल काला भी होता है।
मेथी पाउडर (Methi Powder)
मेथी के बीजों में बालों को पोषण देने वाले सभी जरुरी तत्व मौजूद होते हैं। मेथी के बीज में फॉस्फेट, लेसिथिन, न्यूक्लिओ-अलब्यूमिन और कॉड-लिवर ऑयल के साथ फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, कैरोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करते हैं।
मेथी दानों को ग्राईंडर में पीसकर चूर्ण बना लें। चूर्ण में पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें और इस पेस्ट को बालों में लगाएं। इसे लगाने से बाल काला, घना और लंबा तो होगा ही, डैंड्रफ की परेशानी भी खत्म होगी।
अमरबेल (Amarbel)
करीब 250 ग्राम अमरबेल को लगभग तीन लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा हो जाए और अमरबेल पानी में पूरी तरह मिल जाए तो तो इसे उतार लें। सुबह के समय इससे बालों को धोयें. इससे बाल लंबे, काले और घने होते हैं।
त्रिफला (Triphala)
त्रिफला चूर्ण में लगभग एक चौथाई ग्राम लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है और बालों में कुदरती रंग आती है।
कलौंजी (Klaunji)
एक लीटर पानी में पचास ग्राम कलौंजी उबाल लें। इस उबले हुए पानी को ठंडाकर इससे बालों को धोएं। बाल एक महीने के अंदर काले और लंबे हो जाएंगे।
नीम (Neem)
नीम के पत्तों को पानी के साथ पीसकर बालों में लगाएं व दो-तीन घंटे के बाद बालों को धो डालें। इससे बालों का झड़ना कम होगा और बाल लंबे और काले भी होंगे।
मेंहदी और आंवला (Mehandi and Aanvala)
सूखी मेंहदी और सूखा आंवला की बराबर मात्रा लेकर शाम को पानी में भींगने के लिए छोड़ लें। रात भर भींगने के बाद सुबह इससे बालों को धोएंट इसे लगातार आजमाने बाल काले, मुलायम और लंबे होते हैं।
रीठा (Reetha)
एक ग्राम कपूर, 100 ग्राम नागरमोथा और रीठे के फल की गिरी, शिकाकाई पाव भर और 200 ग्राम आंवला, इन सभी को मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को आधा ग्लास पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को बालों में लगाएं लेप सूखने के बाद गुनगुने पानी से बालों को अच्छी तरह धो लें। इससे बाल काले, घने और मुलायम होते हैं। रीठा, आंवला व शिकाकाई को आपस में मिलाकर बाल धोने से बाल सिल्की और चमकदार होती है।
शंखपुष्पी (Sankhpushee)
शंखपुष्पी से बने तेल रोजाना नियमित रूप से बालों में लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
भांगरा (Bhangra)
जहां पर बाल न हों, वहां पर भांगरा के पत्तों के रस से मालिश करने से कुछ ही दिनों में अच्छे काले बाल निकल सकते हैं। जिन लोगों के बाल अधिक टूटते-झड़ते हैं उन्हें इस उपाय को जरूर आजमाना चाहिए। त्रिफला चूर्ण को भांगरा के रस में उबाल कर फिर इसे अच्छी तरह से सुखाकर, पीसकर रख लें। इसे प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 2 ग्राम तक सेवन करने से बालों का सफेद होना बंद हो जाता है।
काला तिल (Kala Til)
काले तिल के तेल बालों में लगाने से बाल सफेद नहीं होते हैं। रोजाना सिर में तिल के तेल की मालिश करने से बाल हमेशा मुलायम, काले और घने बने रहते हैं।
बुजुर्गों के लिए 10 जरुरी हेल्थ टिप्स
एक जमाना था जब 60 पार करते ही मौत का भय लोगों को सताने लगता था। अब तो बुढ़ापे को भी लोग पूरी मस्ती से इंज्वाय कर रहे हैं और लंबी जिंदगी जी रहे हैं। हर आठ सकेंड में 10 हजार लोग 65 की उम्र में पहुंच रहे हैं और 80 साल से उपर तक हेल्दी जिंदगी जी रहे हैं।
अगर बुढापे में डॉक्टर के पास नहीं जाना है तो जवानी मे हीं आपको अपने जीवनशैली को बदलने की फैसला लेना पड़ेगा। सेहतमंद बुढ़ापे का यही मूल मंत्र है। सेहत को बरकरार रखने के लिए हेल्दी आदतों की रुटीन को अगर आप नियमित रुप से जिंदगी भर पालन करते हैं तो बुढ़ापा आपको कभी सालेगी नहीं।
क्या हैं हेल्दी आदतें और कैसे बनाए रखेंगे बुढ़ापे में भी सेहत को तंदरुस्त, आइए जानते हैं नीचे बताए गए 10 हेल्दी टिप्स से।
सक्रिय रहें, गतिशील रहें
खुद को फिट रखने के लिए हमेशा कुछ न कुछ करते रहें। जिससे आपका मन भी लगा रहेगा और साथ ही इससे सेहत भी बनी रहेगी। शरीर का संतुलन बना रहेगा इतना ही नहीं दिल भी सेहतमंद रहेगा। शारीरिक मेहनत करने से वजन कंट्रोल में रहेगा, बिमारियां दूर भागेगी, नींद अच्छी आएगी, तनाव कम होगी और हमेशा तंदरुस्त महसूस करते रहेंगे। इसके लिए आप नियमित रुप से व्यायाम और योग करते रहें।
नशा और धूम्रपान को कहें बाय-बाय
अगर आपने यह कदम सही समय पर उठा लिया तो समझे कि बुढ़ापे की जिंदगी खुशहाली में कटेगी। कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट के फेल हो जाने से जितनी भी मौत होती है उसकी सबसे बड़ी वजह नशा है।
स्मोकिंग से त्वचा पर जल्द ही झुर्रियां आने लगती है और त्वचा में लचीलापन नहीं रहता है। इतना ही नहीं स्मोकिंग से यौन शक्ति भी प्रभावित होती है।
हेल्दी और पोषक आहार खाए
सही मात्रा में अगर आप पोषक आहार नियमित रुप से ले रहे हैं तो ये आपको जीवन भर सेहतमंद रखेंगे। अगर आप अपने खाने की आदत में बदलाव लाते हैं तो दिल की बीमारी, उच्च रक्त चाप, डायबिटीज, ऑस्टीयोपोरेसिस समेत कई बीमारियों से बचे रहेंगे।
American Dietetic Association के शोध से पता चला है कि जहां बुजुर्ग अपने खाने में कई तरह के पोषक आहार का सेवन करते हैं वहां मौत की दर कम रही है।
बुजुर्गों को फल-सब्जी, अनाज, दाने प्रोटीन और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद खाने से हार्ट अटैक, कैंसर समेत कई तरह की बिमारियां बुढ़ापे में परेशान नहीं करती है। इससे हड़्डी और मांसपेशियां भी मजबूत रहती है।
वजन को नियंत्रित रखें
ज्यादा वजन होने पर दिल की बीमारी, डायबिटीज, उच्च रक्त चाप समेत कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है। हमेशा बीएमंआई (Body Mass Index) कैलकुलेटर से यह पता लगाते रहें कि आपके शरीर के हिसाब से वजन सही है कि नहीं।
गिरने से बचें
उम्र बढ़ने के बाद हड्डियां कमजोर होने से संतुलन गड़बड़ा जाती है और गिरने का ज्यादा खतरा बना रहता है। ध्यान रहे कि घर की फर्श गीली नहीं हो, कारपेट सही से बिछा हुआ हो। बाथरुम में बुजुर्गों को गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। बाथरुम और गलियों में रात में लाइट नहीं होने से ज्यादा गिरने का घटनाएं होती है।
एक खास बात और नंगे पाव चलने से गिरने की संभावना ज्यादा रहती है। बुजुर्गों को ऐसे जूते या सैंडल पहने रहना चाहिए जिससे शरीर को संतुलन मिलती रहे और सपोर्ट भी मिले।
हेल्थ स्क्रीनिंग से अपडेट रहें
पचास पार करते ही औरतों को स्तन कैंसर की जानकारी के लिए मैमोग्राफी स्क्रीनिंग करानी चाहिए। पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए। इसके अलावे भी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए समय-समय पर जांच और टीकाकरण कराते रहना चाहिए। खासकर रेनल, लीवर, थायराइड, डायबिटीज और ब्लड प्रोफाइल की जांच।
आँख-कान और दांत की नियमित चेकअप कराएं
आपके दांत और मसूढ़े अंतिम समय तक आपका साथ देंगें अगर आप इनका सही
देखभाल करते हैं। नियमित ब्रश करना और मसूढ़ों की सफाई करना हमारे आदत में
शुमार होनी चाहिए। बावजूद इसके 50 के बाद दांतो की शिकायत होने लगती है।
इसके लिए दांतो का चेकअप रेगुलर कराएं। आँखों की रोशनी भी कम होने लगती है।
नजदीक की चीज और छोटे अक्षरों को देखना-पढ़ना मुश्किल हो जाता है। आंखों
की रेगुलर चेकअप कराते रहना चाहिए ताकि सही पावर का लेंस आपको दी जा सके।
तनाव को भगाने का प्रबंधन करें
तनाव और अवसाद बुढ़ापे की सबसे खराब बीमारी है। यह आपको अंदर से खोखला कर देती है। तनाव और अवसाद से मुक्ति के लिए ध्यान और योग करें। सकारात्मक कामों में अपने को व्यस्त रखें ताकि कोई टेंशन आपको परेशान नहीं करे।
दोस्त बनाएं और सामाजिक कामों में रुचि रखें
सक्रिय जिंदगी यानि नौकरी से रिटायर होने के बाद अकेलापन बूढ़ों को काफी सालता है। ऐसे में फिट रहने और अकेलापन को दूर भगाने के लिए बुजुर्गों को अपना सामाजिक दायरा बढ़ाना चाहिए। समाज और मोहल्ले में बतियाने और सुख-दुख बांटने के लिए नए-नए दोस्त बनाना चाहिए।
चैन की नींद सोएं
साठ की उम्र के बाद प्राय बुजुर्गों को नींद में परेशानी होने लगती है। किसी-किसी को इंसोमेनिया की शिकायत हो जाती है तो कोई रात में सही से नहीं सोने पर दिन में सोते रहते हैं। अच्छी नींद नहीं लेने से सेहत पर गंभीर असर पड़ता है।
कद बढ़ाने के लिए घरेलू उपचार
सूखी नागौरी, अश्वगंधा की जड़ को कूटकर चूर्ण बना लें और इसमें उतनी ही मात्रा में खांड मिलाकर कांच की शीशी में रखें। इसे रात को सोने से पहले गाय के दूध (दो चम्मच) के साथ लें। ये लम्बाई और मोटापा बढ़ाने में फायदेमंद होता है साथ ही इससे नया नाखून भी बनना शुरू होता है। इस चूर्ण को लगातार 40 दिन खाएं। सर्दियों में ये ज्यादा फायदेमंद होता है।
नोट- इस चूर्ण का सेवन करते समय खटाई, तली चीजें न खायें और जिन्हें आंव की शिकायत हो, तो अश्वगंधा न लें। अगर आप ये चूर्ण नहीं खा पा रहे हैं, तो सुबह सुबह ताड़ासन करें।
ताड़ासन करने के लिए दोनों हाथ उपर करके सीधे खड़े हो जायें, लम्बी श्वास लें, हाथ ऊपर धीरे-धीरे उठाते जायें, ध्यान रहे कि साथ-साथ पैर की एड़ियां भी उठती रहें। पूरी एड़ी उठाने के बाद शरीर को पूरी तरह से तान दें और लम्बी श्वास लें। ऐसा करने से स्नायु सक्रिय होकर विस्तृत होते हैं और यह कद बढ़ाने में सहायक साबित होता है।
1- 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, 1- 2 ग्राम काले तिल, 3 से 5 खजूर को 5 से 20 ग्राम गाय के घी में एक महीने तक खाने से शरीर बढ़ने में लाभ होता है। साथ में पादपश्चिमोत्तानासन, पुल्ल-अप्स करने से एवं हाथ से शरीर झुलाने से ऊँचाई बढ़ती है। व्यायाम के अलावा भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम तथा विटामिनों की जरूरत बहुत आवश्यक है तथा पौष्टिक भोजन करने से लम्बाई बढ़ने में फायदा मिलता है।
पुरुषों की कमजोरी को जड़ से मिटाने के देसी तरीके
तालमखाना (Talmakhana)- अधिकतर धान के खेतों में पाया जाने वाला तालमखाना लैटिन भाषा में एस्टरकैन्था-लोंगिफोलिया (Asteracantha Longifolia) कहलाता है। रोजाना सुबह और शाम लगभग 3-3 ग्राम तालमखाना के बीज दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, शुक्राणुओं की कमी आदि रोगों से छुटकारा मिलता है।
गोखरू (Gokhru)- गोखरू का फल कांटेदार होता है और औषधि के रूप में काम आता है। बारिश के मौसम में यह हर जगह पर पाया जाता है। नपुंसकता रोग में गोखरू के लगभग 10 ग्राम बीजों के चूर्ण में इतने ही काले तिल मिलाकर 250 ग्राम दूध में डालकर आग पर पका लें। पकने पर इसके खीर की तरह गाढ़ा हो जाने पर इसमें 25 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिलाकर सेवन करना चाहिए। इसका सेवन नियमित रूप से करने से नपुसंकता रोग में बहुत ही लाभ होता है।
मूसली (Musli)- मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
उड़द (Urad)- उड़द के लड्डू, उड़द की दाल, दूध में बनाई हुई उड़द की खीर का सेवन करने से वीर्य की बढ़ोतरी होती है।
अन्य उपाय-
वीर्य तथा सेक्स क्षमता में वृद्धि के लिए- पीपल का फल और पीपल की
कोमल जड़ को बराबर मात्रा में लेकर चटनी बना लें। इस 2 चम्मच चटनी को 100
मि.ली. दूध तथा 400 मि.ली. पानी में मिलाकर उसे लगभग चौथाई भाग होने तक
पकाएं। फिर उसे छानकर आधा कप सुबह और शाम को पी लें।
तालमखाने के बीज, चोबचीनी, ढाक का गोंद और मोचरस (सभी 100-100 ग्राम) तथा 250 ग्राम मिश्री को कूटकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह एक चम्मच चूर्ण में 4 चम्मच मलाई मिलाकर खाएं। इससे यौन रुपी कमजोरी तथा वीर्य का जल्दी गिरना जैसे रोग दूर होते हैं।
हीमोग्लोबिन के लिए नुस्खे
भोजन में पोषक तत्त्वों की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से घटता है। इसे बढ़ाने के लिए जरूर है कि दैनिक अहार में आयरन तथा प्रोटीन युक्त खाने का इस्तेमाल करें।
नियमित रूप से खाने में अंडा, दाल, जूस आदि के सेवन से खून की कमी की स्थिति से बाहर आ सकते हैं।
शराब और धूम्रपान जैसी बुरी आदतों से दूरी भी हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होता है।
प्रतिदिन सुबह के समय की स्वच्छ हवा में किया गया व्यायाम भी हमें स्वस्थ रखने में सहायता करता है।
Subscribe to:
Posts (Atom)